अचूक, असरकारी और सरल वास्तु टिप्स जो आपके जीवन में लाएंगे खुशहाली
BNN DESK: चाहे घर छोटा हो या बड़ा किंतु वह पूर्णतया आरामदायक, मजबूत एवं शांतिप्रदायक भी होना चाहिए. यह तभी संभव है जब हम गृह-निर्माण एवं उसकी साज-सज्जा के साथ-साथ घर के वास्तु पर भी पूरा ध्यान दें ताकि ईंट-पत्थरों से बना मकान, जिसे कल हम अपना घर कहेंगे उसे किसी की बुरी नजर न लगे.
अचूक, और सरल वास्तु टिप्स
शहरों में स्थानाभाव के कारण छोटे-छोटे भूखंडों पर घर बनाने पड़ते हैं साथ ही शहरों में अधिक संखया में लोग फ्लैट्स में ही रहते हैं जो पहले से ही निर्मित होते हैं इसलिए घर पूरी तरह वास्तु सम्मत हो, ऐसा संभव नहीं हो पाता. चाहकर भी हम उन वास्तु दोषों को दूर नहीं कर पाते हैं और हमें उसी प्रकार उन वास्तु दोषों को स्वीकार करते हुए अपने घर में रहना पड़ता है. जैसा घर मिला, उसकी में गुजारा करना पडता है. लेकिन आप अपने घर के वास्तु दोष को कुछ आसान उपाय अपना कर ठीक कर सकते हैं.
वास्तु के हल
घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाएं. इससे परिवार में प्रेम बढ़ता है। तुलसी के पत्तों के नियमित सेवन से कई रोगों से मुक्ति मिलती है. घर की छत पर तुलसी का पौधा रखने से घर पर बिजली गिरने का भय नहीं रहता. घर में किसी प्रकार के वास्तु दोष से बचने के लिए घर में पांच तुलसी के पौधे लगाएं तथा उनकी नियमित सेवा करें.
वास्तु के हल
घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाएं. इससे परिवार में प्रेम बढ़ता है. तुलसी के पत्तों के नियमित सेवन से कई रोगों से मुक्ति मिलती है. घर की छत पर तुलसी का पौधा रखने से घर पर बिजली गिरने का भय नहीं रहता. घर में किसी प्रकार के वास्तु दोष से बचने के लिए घर में पांच तुलसी के पौधे लगाएं तथा उनकी नियमित सेवा करें.
वास्तु के हल
ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) को हमेशा साफ-सुथरा रखें ताकि सूर्य की जीवनदायिनी किरणें घर में प्रवेश कर सकें
वास्तु के हल
भोजन बनाते समय गृहिणी का हमेशा मुख पूर्व की ओर होना चाहिए. इससे भोजन सुपाच्य और स्वादिष्ट बनता है. साथ ही पूर्व की ओर मुख करके भोजन करने से व्यक्ति की पाचन शक्ति में वृद्धि होती है.
वास्तु के हल
रात को सोते वक्त व्यक्ति का सिर हमेशा दक्षिण दिशा में होना चाहिए. कभी भी उत्तर दिशा की ओर सिर करके नहीं सोना चाहिए इससे अनिद्रा रोग होने की संभावना होती है साथ ही व्यक्ति की पाचन शक्ति पर विपरीत असर पड़ता है।
वास्तु के हल
घर में कभी-कभी नमक के पानी से पोंछा लगाना चाहिए. इससे नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है. घर से निकलते समय माता-पिता को विधिवत (झुककर) प्रणाम करना चाहिए. इससे बृहस्पति और बुध ठीक होते हैं. इससे व्यक्ति के जटिल से जटिल काम बन जाते हैं.
वास्तु के हल
घर का प्रवेश द्वार एकदम स्वच्छ होना चाहिए. प्रवेश द्वार जितना स्वच्छ होगा घर में लक्ष्मी आने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है. प्रवेश द्वार के आगे स्वस्तिक, ॐ, शुभ-लाभ जैसे मांगलिक चिह्नों को उपयोग अवश्य करें. प्रवेश द्वार पर कभी भी बिना सोचे-समझे गणेशजी न लगाएं. दक्षिण या उत्तरमुखी घर के द्वार पर ही गणेशजी लगाएं.
वास्तु के हल
विवाह पत्रिका कभी भूलकर भी न फाड़े क्योंकि इससे व्यक्ति को गुरु और मंगल का दोष लग जाता है. घर में देवी-देवताओं की ज्यादा तस्वीरें न रखें और बेडरूम में तो बिलकुल भी नहीं. शयन कक्ष में टेलीविजन कदापि न रखें क्योंकि इससे शारीरिक क्षमताओं पर विपरीत असर पड़ता है.
वास्तु के हल
पानी उत्तर दिशा में रखें. इसमें किचन का सिंक, पीने का पानी सभी शामिल हैं. किचन में नीला रंग ना कराएं यह स्वास्थ्य की नजर से ठीक नहीं है, क्योंकि नीला रंग जहर का चिह्न है. अगर गैस पूर्व में रखना संभव ना हो, तो पश्चिम दिशा में छोटा सा आईना लगाएं. जिसमें गैस का रिफ्लेक्षन दिखायी पडे.
वास्तु के हल
घर का मेन दरवाज़ा पूर्व या उत्तर में ही होना चाहिए किंतु यदि ऐसा न हो पा रहा हो तो घर के मुखय द्वार पर सोने चांदी अथवा तांबे या पंच धतु से निर्मित ‘स्वास्तिक’ की प्राण प्रतिष्ठा करवाकर लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश और सकारात्मक ऊर्जा का विकास होने लगता है.
वास्तु के हल
ध्यान रहे कि घर में खिड़की दरवाजों की संखया सम हो जैसे (2, 4, 6, 8, 10) तथा दरवाजे खिड़कियां अंदर की तरफ ही खुलें. द्वार खुलते-बंद होते समय किसी भी प्रकार की कर्कश ध्वनि नहीं आनी चाहिए. ये अशुभ सूचक होता है.
वास्तु के हल
कलह से बचने के लिए घर में किसी देवी-देवता की एक से अधिक मूर्ति या तस्वीर न रखें. किसी भी देवता की दो तस्वीरें इस प्रकार न लगाएं कि उनका मुंह आमने-सामने हो. देवी-देवताओं के चित्र कभी भी नैत्य कोण में नहीं लगाने चाहिए अन्यथा कोर्ट-कचहरी के मामलों में उलझने की पूरी संभावना रहती है. किसी को कोई बात समझाते समय अपना मुंह पूर्व दिशा में ही रखें.
वास्तु के हल
इस बात का ध्यान रहे कि घर में कभी भी फालतू सामान, टूटे-फूटे फर्नीचर, कूड़ा कबाड़ तथा बिजली का सामान इकट्ठा न होने पाए. अन्यथा घर में बेवजह का तनाव बना रहेगा. फटे-पुराने जूते-मौजे, छाते, अण्डर गारमेंट्स आदि जितनी जल्दी हो सके घर से बाहर फैंक दें. नहीं तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का सर्वथा अभाव रहेगा और व्यर्थ की परेशानियां घेरे रहेंगी.
वास्तु के हल
फर्नीचर का आकार गोल, त्रिकोण, षट्कोण या अण्डाकार नहीं होना चाहिए. धन वृद्धि के लिए तिजोरी का मुंह सदैव उत्तर या पूर्व दिशा में ही होना चाहिए तथा जहां पर पैसे रखने हों वहां पर सुगंधित इत्र, परफ्यूम आदि नहीं रखने चाहिए.
वास्तु के हल
दक्षिण की दीवार पर दर्पण कभी भी न लगाएं. दर्पण हमेशा पूर्व या उत्तर की दीवार पर ही लगाना चाहिए. फ्लोरिंग, दीवार या छत आदि पर दरारे नहीं पड़नी चाहिए. यदि ऐसा है तो उन्हें शीघ्र ही भरवा देना चाहिए.
वास्तु के हल
घर के किसी भी कोने में सीलन नहीं होनी चाहिए और न ही घर के किसी कोने में रात को अंधेरा रहना चाहिए. शाम को कम से कम 15 मिनट पूरे घर की लाइट अवश्य जलानी चाहिए. बिजली के स्विच, मोटर, मेन मीटर, टी.वी., कम्प्यूटर आदि आग्नेय कोण में ही होने चाहिए इससे आर्थिक लाभ सुगमता से होता है.
वास्तु के हल
घर में कभी भी मकड़ी के जाले नहीं लगने चाहिए नहीं तो राहु खराब होता है तथा राहु के बुरे फल भोगने पड़ते हैं.
वास्तु के हल
घर में कभी भी रामायण, महाभारत, युद्ध, उल्लू आदि की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए. केवल शांत और सौम्य चित्रों से ही घर की सजावट करनी चाहिए.
वास्तु के हल
घर में सीढ़ियों का स्थान पूर्व से पश्चिम या उत्तर से दक्षिण की ओर ही होना चाहिए, कभी भी उत्तर-पूर्व में सीढ़ियां न बनवाएं. सीढ़ियों की संखया हमेशा विषम ही होनी चाहिए जैसे- 11, 13, 15 आदि. यदि घर में सीढ़ियों के निर्माण संबंधी कोई दोष रह गया हो तो मिट्टी की कटोरी से ढक कर उस स्थान पर जमीन के नीचे दबा दें. ऐसा करने से सीढ़ियों संबंधी वास्तु दोषों का नाश होता है.
यदि आप वास्तु दोष से हैं परेशान तो जरूर करें यह प्रभावशाली उपाय
अचूक, असरकारी और सरल वास्तु टिप्स
यदि इन सब बातों का ध्यान रखा जाए तो विघ्न, बाधाएं, परेशानियां हमें छू भी नहीं सकेंगी, खुशियां हमारे घर का द्वार चूमेंगी, हमारे घर की सीढ़ियां हमारे लिए सफलता की सीढ़ियां बन जाएंगी तथा घर की बगिया हमेशा महकती रहेगी तथा घर का प्रत्येक सदस्य प्रगति करता रहेगा.