नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक अब 7, 8 और 9 अक्टूबर को होगी. आरबीआई ने आज एक प्रेस रिलीज जारी कर जानकारी दी है कि द्विमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक 7 अक्टूबर से शुरू होगी. बैठक के अंतिम दिन 9 अक्टूबर को आरबीआई गवर्नर शक्ति कांत दास प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देंगे. इससे पहले RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी के 3 सदस्यों की नियुक्ति हो गई. सरकार ने सोमवार को तीन प्रतिष्ठित इकोनॉमिस्ट को आरबीआई की रेट सेटिंग मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी के सदस्यों के रूप में नियुक्त किया. इनमें PMEAC मेंबर अशीमा गोयल, नेशनल काउंसिल फॉर अप्लाईड इकोनॉमिक रिसर्च के सीनियर एडवाइजर शशांक भिड़े और IIM अहमदाबाद के प्रोफेसर जयंत आर वर्मा नए सदस्य बने हैं. सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने इन नामों को मंजूरी दी है.
29-30 सितंबर और 1 अक्टूबर को होनी थी मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक
RBI अधिनियम के अनुसार, तीन नए सदस्यों की नियुक्ति 4 साल के लिए होगी. बता दें कि पहले मॉनिटरी पॉलिसी की मीटिंग 29, 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को होने वाली थी. लेकिन आरबीआई ने एमपीसी की पिछली बैठक को स्थगित कर दिया था. असल में स्वतंत्र सदस्यों की नियुक्ति में देरी हुई थी. आरबीआई ने तब कहा था कि एमपीसी की बैठक को रीशिड्यूल किया जा रहा है.
नए सदस्यों ने जिन्हें रिप्लेस किया है, उनमें चेतन घाटे, पामी दुआ और रविंद्र ढोलकिया हैं. चेतन घाटे भारतीय सांख्यिकीय संस्थान में प्रोफेसर हैं. पामी दुआ दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (DSE) में निदेशक हैं. वहीं, रविंद्र ढोलकिया, भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद में प्रोफेसर हैं.
सरकार ने 2016 में आरबीआई गवर्नर से लेकर 6 सदस्यीय एमपीसी तक की ब्याज दर सेटिंग की भूमिका तय की थी. आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता में पैनल का आधा हिस्सा बाहरी स्वतंत्र सदस्यों से बना है. आरबीआई अधिनियम के अनुसार, बाहरी सदस्य 4 साल की अवधि के लिए कार्यालय रख सकते हैं और फिर से नियुक्ति के लिए पात्र नहीं हैं. MPC के अन्य पदेन सदस्य रिजर्व बैंक गवर्नर, उप-गवर्नर (मौद्रिक नीति के प्रभारी) और RBI के एक केंद्रीय अधिकारी होते हैं.
मौद्रिक नीति समिति की बैठक में ये है उम्मीदें
कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से पटरी से उतर चुकी अर्थव्यवस्था में सुधार लाना भी बड़ी चुनौती बना हुआ है. संभव है कि वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए क्या गैर परंपरागत कदम उठाये जा सकते हैं. आंकड़ों पर गौर करें तो फरवरी से रेपो दर में आरबीआई ने 1.15 फीसदी की कटौती की जा चुकी है. उम्मीद की जा रही है कि आरबीआई 9 अक्टूबर को 0.25 फीसदी रेपो दर में कटौती का ऐलान कर सकता है.
RBI Monetary Policy Committee (MPC) के नए मेंबर्स –
जयंत आर वर्मा: वर्मा इंडीयन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट, अहमदाबाद में प्रोफेसर हैं.
शशांक भिडे: भिडे नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च में वरिष्ठ सलाहकार हैं. शशांक ने कृषि अर्थशास्त्र में पीएचडी की है. वह बैंगलुरु में सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य के रूप में भी कार्य करते हैं.
अशीमा गोयल: इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट रिसर्च में प्रोफेसर हैं. गोयल के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में अर्थव्यवस्था पर 100 से अधिक लेख छपे हैं. उन्होंने मैक्रोइकोनॉमिक्स और मार्केट्स इन डेवलपिंग एंड इमर्जिंग इकोनॉमीज और भारतीय अर्थव्यवस्था की एक संक्षिप्त पुस्तिका सहित कई पुस्तकों का लेखन और संपादन भी किया है.
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