वाराणसी की हजारों मुस्लिम महिलाएं बीते छह वर्ष नरेंद्र मोदी को अपना भाई मानकर रक्षाबंधन पर उनके लिए राखी भेजती हैं। इनको तीन तलाक से आजादी दिलाने वाले पीएम मोदी को वैसे तो यह लोग बीते छह वर्ष से राखी भेज रही हैं, लेकिन इस बार का रक्षाबंधन पर्व इनके लिए कुछ खास ही है। सभी तीन तलाक जैसी सामाजिक कुप्रथा और देश को तोडऩे वाली अनुच्छेद 370 खत्म होने से पूरा देश खुश हैं। इस बार इन सभी ने अपने सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए विशेष राखी तैयार की है। वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिफाफे में दो राखी भेजी गई, एक तीन तलाक मुक्त और दूसरी 370 मुक्त। इस बीच राखी भेजे जाने से मौलाना नाराज हो गए हैं।
राखी भेजे जाने से मौलाना नाराज हो गए हैं। तीन तलाक के खिलाफ कानून बनने से उत्साहित वाराणसी की मुस्लिम महिलाओं ने सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने हाथ से राखी बनाकर भेजी है। इस नेक काम को कुछ मुस्लिम मौलानाओं ने सराहा तो कुछ ने इसे ‘सस्ते प्रचार का तरीका’ बताया है। विरोधियों ने कहा कि आरएसएस का अनुषांगिक संगठन मुस्लिम मंच इस तरह की हरकतें करवा रहा है।
विशेष राखी बनाने वाली मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी ने तीन तलाक जैसी कुप्रथा को खत्म करवाया, वह केवल एक भाई ही कर सकता है। अपने भाई के लिए हम बहनें अपने हाथों राखी बनाकर भेज रही हैं। राखी के ऊपर मोदी की फोटो लगाई गई है। उन्होंने कहा कि मोदीजी ने हमारी दयनीय हालत को खत्म किया है। आने वाली महिलाएं भी तीन तलाक से बच सकती हैं। इसी कारण हम लोगों ने यह पवित्र बंधन राखी भेजी।
वाराणसी में मुस्लिम महिला फाउंडेशन एवं विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में सुभाष भवन, इंद्रेश नगर, लमही में हिंदु-मुस्लिम महिलाओं ने अपने भाइयों के लिए ऐसी राखी का निर्माण किया, जो देश की भावनाओं से जुड़ा था। बहनों ने कई तरह की राखियों का निर्माण किया। रेशम के धागे के साथ खूबसूरत टिक्की लगाकर एक-एक राखी को सजाया। किसी राखी पर 370 मुक्त, किसी पर तीन तलाक मुक्त और किसी पर मोदी और इंद्रेश कुमार की तस्वीर थी। 15 अगस्त को हिंदुस्तान की आजादी का त्योहार मनाया जाएगा, साथ ही रक्षाबंधन के माध्यम से तीन तलाक जैसी सामाजिक कुप्रथा और अनुच्छेद 370 हटने से आजादी का उत्सव भी यहां पर मनाने की तैयारी की जा रही है।
वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिफाफे में दो राखी भेजी गई, एक तीन तलाक मुक्त और दूसरी 370 मुक्त। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष नेता इंद्रेश कुमार को तीन तलाक मुक्त राखी भेजी गई। गृहमंत्री अमित शाह को 370 मुक्त और 35ए मुक्त राखी भेजकर अपना भाई होने पर गर्व किया। इसके अलावा कश्मीरियों के लिए मोदी राखी, लद्दाखियों के लिए इंद्रेश राखी, भारतीय सेना के जवानों के लिए सुभाष राखी और रामभक्तों के लिए श्रीराम राखी बनाई गई। इस बार आजादी के दिन ही रक्षाबंधन उत्सव है, इसलिए तीन तलाक और 370 से आजादी वाले राखी का निर्माण किया गया ताकि सामाजिक कुप्रथा और राष्ट्रीय कलंक से आजादी का अहसास राखी बांधने वाले कर सकें।
मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने कहा कि जिन लोगों ने आजादी की लड़ाई लड़ी थी, उनको गुलामी के दर्द का अहसास था। आज तीन तलाक और 370 से आजादी में भाग लेने वाला प्रत्येक व्यक्ति का महत्व नहीं समझ सकता है, जिसने वर्षों तक इसकी गुलामी झेली हो। नरेंद्र मोदी, अमित शाह, इंद्रेश कुमार ये देश के महानायक और समाज सुधारक हैं। जिन्होंने हर हिंदुस्तानी को इस कलंक से आजादी दिलाई। राखी के बहाने हम दिलों को जोडऩे का प्रयास कर रहे हैं। कश्मीर और लद्दाखी भाई बहनों को मोदी राखी और इंद्रेश राखी भेजकर यह बताना चाहते हैं कि इन्हीं महापुरूषों की वजह से आप राष्ट्रीय कलंक से आजाद हैं।
शैखू आलम साबरिया चिश्चितिया मदरसा के मौलाना इस्तिफाक कादरी ने कहा कि राखी भेजने का तरीका सिर्फ दिखावा है। यह सियासत के लिए किया जा रहा है। ऐसा लोग सिर्फ अपने प्रचार के लिए करवाते हैं। मुस्लिम महिलाओं के सामने और भी बहुत सारे मसले हैं, हुकूमत को उन पर भी ध्यान देना चाहिए। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के प्रदेश अध्यक्ष मतीन खान ने कहा कि आरएसएस का अनुषांगिक संगठन मुस्लिम मंच इस तरह की हरकतें करवा रहा है। नकाब और टोपी पहनकर इस तरह की हरकतें करते हैं, जिससे मुस्लिमों में आपस में बगावत हो। इसमें किराये पर लाए गए मुस्लिम भी होते हैं। बिकाऊ माल सत्ताधारी लोगों के दबाव में ऐसा काम कर रहे हैं। कुछ लोग प्रधानमंत्री को खत भेजेंगे, फिर उसका प्रचार करेंगे। इस तरह की हरकत ये सिर्फ सत्ता के प्रचार के लिए करते हैं। उनमें से राखी भिजवाना भी एक कड़ी है।