खाना डिलीवरी करने वाली कंपनी जोमैटो एक नए विवाद में घिर गई है। जोमैटो से जुड़े डिलीवरी स्टाफ का आरोप है कि उन्हें ऐसे खाने की डिलीवरी कराई जा रही है जिससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं। जोमैटो के डिलीवरी ब्वॉय पिछले सोमवार से हड़ताल पर हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि बकरीद के दौरान वे उस खाने की डिलीवरी नहीं करेंगे जिसमें बीफ पड़ा हो। इसके अलावा इनका ये भी कहना है कि कंपनी से जुड़े डिलीवरी ब्वॉय पोर्क फूड की भी डिलीवरी नहीं करेंगे। कंपनी के हिन्दू और मुस्लिम डिलीवरी ब्वॉय ने कहा है कि जबतक उनकी मांगें नहीं मानी जाएगी तब तक वे काम पर नहीं आएंगे। उन्होंने कंपनी के सीनियर अधिकारियों को अपने फैसले की सूचना दे दी है, लेकिन अब तक उन्हें कोई आश्वासन नहीं मिला है।
जोमैटो में ऑर्डर की डिलीवरी करने वाले मौसीन अख्तर ने कहा, “हाल ही में कंपनी के एप से कुछ मुस्लिम रेस्तरां भी जोड़े गए हैं, लेकिन हमारे यहां ऑर्डर डिलीवरी करने वाले कुछ लड़के हिन्दू समुदाय से भी आते हैं, इन्होंने बीफ फूड की डिलीवरी करने से इनकार कर दिया है, सुनने में आया है कि कुछ दिनों में हमें पोर्क की भी डिलीवरी देनी पड़ेगी, लेकिन हम इसकी डिलीवरी नहीं करेंगे।”
किसी शख्स ने कहा कि उन्हें वेतन से भी जुड़ी समस्याएं हैं और मेडिकल सुविधाएं भी नहीं मिलती हैं। मौसीन का कहना है कि ये सारी घटनाएं कंपनी में हिन्दू-मुसलमानों के बीच भाईचारे की भावना को भी प्रभावित कर रही हैं। मौसीन का आरोप है कि कंपनी को सबकुछ पता है लेकिन हमारी मदद करने के बजाय कंपनी हमारे ऊपर ही झूठे आरोप लगा रही है।
जोमैटो के एक दूसरे स्टाफ ने कहा कि ऑर्डर डिलीवरी करने से उन्हें रोजी रोटी तो जरूर मिल रही है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि उनके धर्म मानने के अधिकार को दबाया जाए। हावड़ा में जोमैटो के लिए ऑर्डर डिलीवरी करने वाले ब्रजनाथ शर्मा नाम के इस स्टाफ ने कहा, “मैं एक हिन्दू हूं, यहां पर कुछ लोग हैं जो मुस्लिम हैं, साथ काम करने में हमें कोई समस्या नहीं है। जोमैटो ने हाल ही में कुछ नए रेस्तरां से समझौता किया है, हमें किसी भी हालत में काम करना है, हम किसी भी तरीके से ऑर्डर कैंसिल नहीं कर सकते हैं, यदि हममें से कोई एक खाना को डिलीवरी देने से मना कर देता है तो इसे एक विवाद के रूप में देखा जाएगा और मैनेजर इसकी जांच करेगा। युवक का कहना है कि जोमैटो के इस फैसले से हिन्दू के साथ-साथ मुसलमान भी दुखी हैं। कंपनी उनकी धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचा रही है।
पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री और टीएमसी विधायक राजीब बनर्जी ने इस मामले में जांच का भरोसा दिया है। राजीव बनर्जी ने कहा, “मुझे भी लगता है कि जो कंपनी ऐसा कर रही है कि उसे एक बार फिर से सोचना चाहिए, उन्हें किसी भी धर्म के स्टाफ को उसके विश्वास के खिलाफ चलने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए, ये बहुत गलत है, हमें ऐसे कदम की जानकारी नहीं है, चूंकि हमसे इस बारे में संपर्क किया गया है इसलिए इस दौरान हम कार्रवाई करेंगे।”