रांची: लक्ष्य फॉर डिफरेंटली ऐबल झारखंड, साइटसेवर्स झारखंड, बुकशेयर इंडिया और दिव्यांग अधिकार मंच के संयुक्त सौजन्य से वर्चुअल जागरूकता रैली का आयोजन कल संध्या 6ः00 बजे से 7ः00 बजे तक किया गया.
सफेद छड़ी दिवस , विश्व भर में दृष्टिबाधित लोगों के प्रयोग में आने वाले सफेद छड़ी (वाइट केन) के प्रति समाज में जागरूकता फैलाने और इसका सम्मान करने हेतु मनाया जाता है. इस अवसर पर सफेद छड़ी के इतिहास , उसका महत्व , सफेद छड़ी के प्रकार व इसके प्रयोग की विधियों के बारे में भी लोगों को जानकारी दी जाती है और सभी दृष्टिबाधित लोगों से आग्रह किया जाता है कि आप इसे अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाएं ताकि वे सुरक्षित रह सकें .
दृष्टिबाधित या अल्प दृष्टि वाले लोग इसका प्रयोग करने से हिचकते हैं और इसे अपने सम्मान से जोड़ते हैं . यह धारणा सही नहीं है और इसे बदलने की जरूरत है. क्योंकि सफेद छड़ी दृष्टिबाधित या अल्प दृष्टि वाले लोगों के सुरक्षा का एक मुख्य अस्त्र है.
कार्यक्रम के वक्ताओं का मानना था कि भारतवर्ष में भी दृष्टिबाधित लोगों को अगर सही अवसर , अनुकूल वातावरण और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्राप्त हो तो वह भी सामाजिक विकास में सामान भागीदार बन सकते हैं . ऐसे लोगों की उपलब्धियों को समाज के सभी लोगों तक पहुंचाने की जरूरत है , ताकि सामान्य जन की पूर्वाग्रह को समाप्त किया जा सके. समाज में कुछ लोग उन्हें नकारात्मक नजरिए से देखते हैं और कमजोर आकते हैं ; लेकिन शारीरिक चुनौती आत्मबल को कम नहीं कर सकता . अगर ऐसे दिव्यांग जनों को उचित साधन प्राप्त हो तो वे वह सब कुछ कर सकते हैं जिसकी अपेक्षा एक आम इंसान से की जाती है और इसके कई उदाहरण समाज में मौजूद है.
इस वर्चुअल रैली में सम्मिलित बुद्धिजीवियों का मानना था की दृष्टिबाधित दिव्यांग जनों को अगर सही शिक्षा प्रदान की जाए दो यह लोग लोग भी समाज के हर स्तर पर एक सृजनात्मक योगदान दे सकते हैं और विकास में सामान भागीदार बन सकते हैं , बस नजरिया बदलने की जरूरत है .
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रेस इनफॉरमेशन ब्यूरो , रांची, झारखंड के अपर महानिदेशक अरिमर्दन सिंह ने इस अवसर पर अपना विचार रखते हुए कहा कि दिव्यांग जनों को सभी तरह की सुविधा प्रदान करना मौजूदा केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है और केंद्र सरकार का सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय दिव्यांग जनों को सशक्त करने के लिए कई उपयोगी योजनाएं चला रहा है. श्री अरिमर्दन सिंह जी ने आगे कहा कि हम अपना लक्ष्य तभी प्राप्त कर सकते हैं जब दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्य करने वाले सभी संस्थान ,संगठन और सरकारी विभाग तथा दूसरे स्टेकहोल्डर्स एक समन्वय के साथ सक्रियता से कार्य करें.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि झारखंड राज्य निःसक्तता आयुक्त सतीश चंद्र ने आह्वान किया की हमें दृष्टिबाधित दिव्यांग जनों के बारे में अपनी सोच बदलने की आवश्यकता है ताकि समाज के इस महत्वपूर्ण अंग को हम मुख्यधारा से जोड़ कर देश और समाज को लाभान्वित कर सकें.
इलाज के बहाने महानगरों में जाकर ऐश-मौज करना ’माननीयों’ की फितरत है. झारखंड में पहले भी इस तरह के मामले प्रकाश में आते रहे हैं. एक बार फिर झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ऐसे ही एक मामले में जांच के रडार पर आ गए हैं. दरअसल, रांची जेल में बंद योगेंद्र साव इलाज के नाम पर दिल्ली गए और दूसरे प्रदेशों में तफरीह करने लगे. उनके साथ गए पुलिसकर्मी भी इसका लुत्फ उठाने लगे.