केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने SC और ST छात्रों के लिए कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाओं की फीस बढ़ा दी है लेकिन दिल्ली सरकार छात्रों और अभिभावकों को राहत देने के मूड में नजर आ रही है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को कहा कि उन्होंने शिक्षा विभाग को एक फार्मूले के तहत काम करने का निर्देश दिया है ताकि छात्रों पर फीस का बोझ कम से कम पड़े। सीबीएसई द्वारा दिल्ली में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों से 350 रुपए शुल्क लिया जाता था। जिसमें 300 रुपए का भुगतान दिल्ली सरकार करती थी और बाकि बचे 50 रुपए छात्रों द्वारा दिया जाता था।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों को पांच विषयों के लिए 1,200 रुपये का भुगतान करना होगा, जबकि पहले उन्हें उसके लिए 50 रुपये का भुगतान करना होता था। जनरल कटेगरी के छात्र जो पहले पांच विषयों के लिए 750 रुपये भुगतान करते थे, उन्हें अब 1500 रुपये भुगतान करना होगा। सीबीएसई के सीनियर अधिकारी ने बताया कि यह फीस कक्षा 10 वीं और 12 वीं की परीक्षाओं पर लागू होगी।
कक्षा 12 बोर्ड परीक्षा में एक अतिरिक्त विषय के लिए उपस्थित होने के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों को जो पहले कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होता था, उन्हें अब 300 रुपये का भुगतान करना होगा। सामान्य श्रेणी के छात्रों को भी अतिरिक्त विषय के लिए 300 रुपये का भुगतान करना होगा, पहले इसके लिए 150 रुपये का भुगतान करना होता था।
100 प्रतिशत दृष्टिहीन छात्रों को सीबीएसई परीक्षा शुल्क का भुगतान करने से छूट दी गई है। जो छात्र अंतिम तिथि से पहले सीबीएसई परीक्षा शुल्क के अंतर जमा करने में विफल रहते हैं, उनको रजिस्टर्ड नहीं किया जाएगा और उन्हें 2019-20 परीक्षा में उपस्थित होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। माइग्रेशन फीस जो पहले 150 रुपये थी, उसे भी बढ़ाकर 350 रुपये कर दिया गया है।