सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला की याचिका पर सुनवाई की। पूनावाला ने जम्मू-कश्मीर से कर्फ्यू हटाने, फोन-इंटरनेट और न्यूज चैनल पर लगे प्रतिबंध हटाने की भी मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा कि राज्य में प्रतिबंध कब तक जारी रहेंगे? सरकार ने कहा कि वहां हालात बेहद संवेदनशील हैं और प्रतिबंध सभी के हित में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंध हटाने के बारे में तत्काल कोई भी आदेश देने से इनकार कर दिया।
सरकार ने कहा- हम राज्य के हालात की हर दिन समीक्षा कर रहे हैं। वहां खून की एक भी बूंद नहीं गिरी, किसी की जान नहीं गई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई दो हफ्ते के लिए यह कहते हुए टाल दी कि हम देखते हैं वहां क्या होता है? केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- 2016 में इसी तरह की स्थिति को सामान्य होने में 3 महीने का समय लगा था। सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द स्थिति पर काबू पाया जा सके।
पूनावाला ने मांग की कि कोर्ट पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जैसे नेताओं को रिहा करने का आदेश जारी करे। जमीनी हकीकत की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग की गठन करे। केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया है।