पूजा शकुंतला शुक्ला
BNN DESK: मानव कल्याण के लिए सृजनशीलता में निरंतरता अति आवश्यक है. मानव कल्याण को ध्यान में रख की गई रचनायें किस प्रकार की होनी चाहिये उस बात को बताती हुई कविता है पूजा शकुंतला शुक्ला की कविता सृजन.
सृजन
गतिशील
सृजन के
पहियों को
इस प्रकार ना
लहू- लुहान करो
स्वर लेखनी का
मुखर रखे
आओ ऐसा
आह्वान करो
क्या पाओगे
बो कर बबूल
लिख प्रेम
जगत कल्याण
करो
वसुधैव कुटुम्बकम
के मूल्यों का
आओ फिर से
सम्मान करो