रांची: रामगढ़ की रहने वाली राजो देवी को 2012-13 में इंदिरा आवास की स्वीकृति मिली थी. आवास निर्माण को लेकर पहली और तीसरी किस्त की राशि तो उसे मिल गई, लेकिन सात सालों से दूसरी किस्त की राशि नहीं मिली है. इस बाबत जन संवाद में उसके द्वारा दर्ज कराई इस शिकायत पर आज मुख्यमंत्री सचिवालय के विशेष सचिव श्री रमाकांत सिंह द्वारा सूचना भवन में की गई समीक्षा की गई। विशेष सचिव में इस क्रम में कुल 17 मामलों की समीक्षा की। राजो देवी मामले में ग्रामीण विकास विभाग की ओर से बताया गया कि बैंक की लापरवाही के कारण ऐसे हुआ है. बैंक की ओर से लाभुक को दी जानी वाली राशि किसी दूसरे व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर कर दी गई और उस व्यक्ति ने पूरी राशि निकाल ली है. इस कारण राशि की रिकवरी नहीं हो सकी है. इसपर श्री सिंह ने कहा कि बैंक हर हाल में लाभुक को राशि दे, वरना उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
पलामू, गिरिडीह, धनबाद, देवघर औऱ दुमका में दो हजार से ज्यादा मामले लंबित
जन संवाद में दर्ज शिकायतों की समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि पलामू जिले में सबसे ज्यादा 2703 मामले लंबित हैं. गिरिडीह में 2640, धनबाद में 2473, देवघर में 2397 और दुमका में 2082 शिकायतों का निष्पादन होना बाकी है. श्री सिंह ने बताया कि जन संवाद में अबतक 3,36,171 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं. इनमें से 32,845 शिकायतें लंबित हैं, जबकि 2,52,242 मामलों का निष्पादन हो चुका है. इसके अलावा 49,083 शिकायतों के निष्पादन की प्रक्रिया चल रही है और 5,362 मामलों के निष्पादन की समीक्षा की जा रही है.
नवनियुक्त पीजीटी शिक्षकों का वेतन नहीं हो सका जारी
पिछले साल दिसंबर में नवनियुक्त पीजीटी शिक्षकों को सात माह से वेतन नहीं मिल रहा है. लातेहार जिले में दर्ज कराई गई शिकायत पर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (जिलास्तरीय) द्वारा बताया गया कि शिक्षकों के प्रमाण प्रत्र का सत्यापन कराया जा रहा है. इसके साथ उनका एनपीएस सिस्टम में खाता भी नहीं खुला है, इस कारण वेतन निर्गत करने में विलंब हो रहा है. विशेष सचिव ने 15 दिनों में इस मामले का समाधान करने का निर्देश दिया.
जमीन अधिग्रहित कर ली, 8 सालों से नहीं मिला मुआवजा
रांची के तमाड़ थाना इलाके के रहने वाले नंदकिशोर महतो की जमीन कैंप बनाने के नाम पर झारखंड पुलिस द्वारा अधिग्रहित की गई थी. लेकिन, 8 साल गुजर जाने के बाद भी मुआवजा नहीं मिल सका है. इस शिकायत पर राजस्व एवं भूमि सुधार की ओर से बताया कि गृह विभाग से इस बाबत पत्राचार किया गया है और पूरी प्रक्रिया पूरी होते ही मुआवजे का भुगतान कर दिया जाएगा.
मकान बन गया, लाभुक को मजदूरी भुगतान नहीं हो सका
जामताड़ा के राजेंद्र कुमार गोस्वामी की शिकायत में कहा गया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की उसे स्वीकृति मिली थी. उसने आवास भी बना लिया, लेकिन पूरी मजदूरी का भुगतान नहीं हो सका है. इस शिकायत पर ग्रामीण विकास विभाग की ओऱ से बताया गया कि कार्य करने के दरम्यान लाभुक द्वारा कार्य की मांग नहीं किए जाने की वजह से मस्टर रोल का सृजन नहीं हो सका. इस वजह से अब उसे भुगतान करना संभव नहीं है, क्यों कि मनरेगा आयुक्त के स्तर से इसे निष्पादन करने का आदेश जारी हो चुका है. इसपर मुख्यमंत्री सचिवालय के विशेष सचिव ने ऐसे मामलों को मुख्यमंत्री के सीधी बात में रखने का निर्देश दिया, तका सरकार के स्तर पर यथोचित निर्णय लिया जा सके.
इन मामलों पर भी हुई सुनवाई, मिला जरूरी निदेश
फसल क्षतिपूर्ति, वेतन, पारिवारिक सहायता राशि, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, मानदेय भुगतान, अनुकंपा पर नौकरी, पेंशन रुपांतरण, दिव्यांग परिवहन भत्ता और सुखाड़ मुआवजा आदि से जुड़ी शिकायतों पर भी जन संवाद में साप्ताहिक समीक्षा की गई. इस दौरान कुछ मामलों में आवश्यक कार्रवाई किए जाने की जानकारी नोडल अफसरों द्वारा दी गई तो कुछ मामलों में इसकी प्रक्रिया जारी रहने की बात कही गई.
जन संवाद में दर्ज समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री सचिवालय में संयुक्त सचिव श्री मनोहर मरांडी समेत कई अन्य अधिकारी मौजूद थे.