त्रिपुरा (अगरतला): प्रतिबंधित नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) के 88 सदस्यों ने मंगलवार को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के समक्ष समर्पण कर दिया। यह समर्पण नई दिल्ली में केंद्र व त्रिपुरा सरकार के साथ त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर के तीन दिन बाद हुआ है। एनएलएफटी के एसडी गुट के सदस्यों के साथ परिवार के 125 सदस्यों ने हथियार व गोला-बारूद के साथ धलाई जिले के अम्बासा में समर्पण किया। धलाई जिला, अगरतला से 100 किमी उत्तर में है। एसडी गुट ने सबीर कुमार देबबर्मा की अगुवाई में समर्पण किया।
समर्पण किए गए हथियारों में 3 एके-47 राइफल, छह सेल्फ लोडिंग राइफल, चार चाइनीज राइफल, चार कार्बाइन, चार पिस्तौल, 1,876 युद्ध सामग्री व दूसरे उपकरण शामिल हैं।
उपमुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा भी इस दौरान मौजूद थे
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने उनसे विकास प्रक्रिया में शामिल होने का आग्रह किया, जिसे राज्य सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य व बुनियादी सुविधाओं पर जोर देते हुए शुरू किया है।
देब ने कहा, “विद्रोही समझते हैं कि वे गलत रास्ते पर थे और मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। हम उनसे सभी कल्याणकारी उपायों के लिए सहयोग की उम्मीद करते हैं।”
एक त्रिपक्षीय ज्ञापन समझौते (एमओएस) पर 10 अगस्त को केंद्र, त्रिपुरा सरकार व एनएलएफटी के बीच में हस्ताक्षर किए गए, जिसके बाद यह समर्पण हुआ। एमओएस पर हस्ताक्षर के बाद एनएलएफटी के प्रतिनिधियों ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की।