बिहार: बिहार की जनता अगले पांच साल के लिए किसे सत्ता सौंपेगी इसका फैसला तो 10 नवंबर को हो जाएगा लेकिन ये राजनीतिक लड़ाई अब निजी होती जा रही है. दरअसल, वैशाली जिले के महनार के चुनावी मंच से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू यादव पर जिस तरह से हमला किया, वो चौंकाने वाला था. अमूमन संयमित भाषा का इस्तेमाल करने वाले मुख्यमंत्री के तेवर काफी तल्ख नजर आए.
चुनावी मंच से नीतीश ने लालू के नौ बच्चों को लेकर ऐसा तंज कसा की सभी लोग हैरान रह गए. जनता दल यूनाइडेट (जदयू) के प्रत्याशी के समर्थन में वोट मांगने के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि आठ-नौ बच्चे पैदा करने वाले बिहार का विकास करने चले हैं. बेटे की चाह में कई बेटियां हो गईं. मतलब बेटियों पर भरोसा ही नहीं है. इस तरह के लोग बिहार का क्या भला करेंगे.
मुख्यमंत्री ने चुनावी सभा में आगे कहा कि यदि यही लोगों के आदर्श हैं तो समझ लीजिए बिहार का क्या बुरा हाल होगा, कोई पूछने वाला नहीं रहेगा, सब बर्बाद हो जाएगा. हम सेवा करते हैं जबकि वो मेवा और माल की चाह रखते हैं. अपने इन्हीं कर्मों की वजह से अंदर जाते हैं. इसके अलावा उन्होंने 18 महीने में ही राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से अलग होने की वजह भी बताई.
मुख्यमंत्री ने कहा कि तेजस्वी थानों और अधिकारियों से उगाही करते थे इसलिए वो राजद से अलग हो गए. उन्होंने कहा कि हम इस तरह से काम नहीं कर सकते थे. इसलिए हमने उन्हें छोड़ दिया और भाजपा के समर्थन से फिर सरकार बनाई. उनके इस बयान पर तेजस्वी ने पलटवार किया है. राजद नेता का कहना है कि नीतीश जी शारीरिक-मानसिक रूप से थक चुके हैं इसलिए वो जो मन करे बोलें.
नीतीश जी के अपशब्द मेरे लिए आशीर्वचन हैं: तेजस्वी
मुख्यमंत्री के बयान पर जवाब देते हुए राजद नेता तेजस्वी ने कहा, ‘आदरणीय नीतीश जी मेरे बारे में कुछ भी अपशब्द कहें वो मेरे लिए आशीर्वचन हैं. नीतीश जी शारीरिक-मानसिक रूप से थक चुके हैं इसलिए वो जो मन करे, कुछ भी बोलें. मैं उनकी हर बात को आशीर्वाद के रूप में ले रहा हूं. इस बार बिहार ने ठान लिया है कि रोटी-रोजगार और विकास के मुद्दों पर ही चुनाव होगा.’