एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कश्मीर के बहाने एक बार फिर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। ओवैसी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इन्हें सिर्फ कश्मीरियों की जमीन से प्यार है, उनसे नहीं। इस दौरान ओवैसी ने तमिल सुपरस्टार रजनीकांत के बहाने भी पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर तंज कसा।ओवैसी ने कहा, ‘आर्टिकल 370 के लिए तमिलनाडु के अभिनेता (रजनीकांत) पीएम मोदी और अमित शाह को ‘कृष्ण और अर्जुन’ कह रहे हैं। ऐसी स्थिति में फिर कौरव और पांडव कौन हैं। क्या आप देश में एक और महाभारत चाहते हैं।’
आर्टिकल 370 पर सरकार के फैसले के बाद से ही विपक्ष लगातार उस पर हमलावर है। पिछले दिनों राहुल गांधी ने भी दो टूक कहा था कि इस फैसले राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर पड़ेगा। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने और राज्य के पुनर्गठन को लेकर विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार को लगातार घेर रही है। विपक्ष का आरोप है कि बिना किसी को इसमें भागीदार बनाते हुए जम्मू-कश्मीर को एकतरफा फैसले में टुकड़ों में बांट दिया गया। अब इसी मुद्दे को लेकर ओवैसी ने भी केंद्र पर हमला बोला है।
ओवैसी ने कहा, ‘क्या सरकार देश में महाभारत चाहती है। सरकार को कश्मीरियों से कोई प्यार नहीं।’ ओवैसी ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘ये लोग सिर्फ सत्ता में बने रहना चाहते हैं। इन्हें कश्मीरियों की जमीन से प्यार है, उनसे नहीं।’
इससे पहले राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा था, ‘जम्मू-कश्मीर को एकतरफा फैसले में टुकड़ों में बांटना, जन प्रतिनिधियों के जेल भेजना और संविधान का उल्लंघन करना राष्ट्रीय एकीकरण नहीं हो जाता है। देश लोगों से बनता है, जमीन के भूखंडों से नहीं। शक्ति के इस गलत इस्तेमाल से राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ेगा।’ उधर, अनुच्छेद 370 हटाए के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी में ही दरार बढ़ती जा रही है। पार्टी नेतृत्व ने सरकार के फैसले का विरोध किया, लेकिन पार्टी के कई बड़े नेताओं ने इस फैसले को सही ठहराया है।
इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने दो टूक कहा है कि 370 का विरोध करने वाले वही लोग हैं जो आतंकियों के प्रति सहानुभूति रखते हैं। एक इंटरव्यू में इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, ‘आप ऐसे लोगों की लिस्ट बनाइए जिन्होंने कश्मीर पर इस फैसले का विरोध किया। इसमें कुछ स्वार्थी समूह, राजनीतिक वंश, वे लोग हैं जो आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति रखते हैं और कुछ विपक्ष के मित्र शामिल हैं। देश के लोग, चाहे जो भी उनकी राजनीतिक विचारधारा हो, उन्होंने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए उठाए गए इस कदम का समर्थन किया। यह पूरी तरह राष्ट्र का विषय है, राजनीति का नहीं।