ब्यूरो चीफ
रांची
झारखंड में सूचना प्राद्योगिकी को लेकर सरकार काफी कुछ कर रही है. मंत्रालयों में आइटी के जरिये पारदर्शी शासन देने की परंपरा भी शुरू की गयी है. राज्य सरकार ने आइटी और ई-गवर्नेंस के जरिये लोगों को डोर स्टेप योजनाओं का लाभ प्रदान कर रही है. सूचना प्राद्योगिकी के बाबत राज्य भर में जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, स्थानीयता प्रमाण पत्र समेत 56 तरह की सुविधाएं इलेक्ट्रोनिक डिलिवरी सिस्टम के जरिये प्रदान की जा रही हैं. इसके लिए राज्य भर में 13 हजार से अधिक कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) बनाये गये हैं. इन केंद्रों को एक तय शुल्क के जरिये सभी तरह की सेवाएं लोगों तक पहुंचाने के लिए अधिकृत किया गया है.
Also Read This: सुशील ‘चंपा’ से लौटा रहे चंपारण की पहचान ‘ कौन बनेगा करोड़पति से हुए थे चर्चित
मंत्रालयों में फाइल ट्रैकर से लेकर एचआरएमएस सिस्टम तक लागू
राज्य के विभिन्न मंत्रालयों, क्षेत्रीय कार्यालयों, समाहरणालयों में सूचना तकनीक का व्यापक उपयोग किया जा रहा है. फाइलों के मूवमेंट और अन्य गतिविधियों को लेकर फाइल ट्रैकर सिस्टम लागू किया गया है. राज्य के सभी कर्मियों के लिए उपस्थिति दर्ज कराने के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम लगाये गये हैं. इससे प्रत्येक दिन की उपस्थिति अनलाइन ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम (एचआरएमएस) में दर्ज होती हैं. इतना ही नहीं कई विभागों ने बायोमेट्रिक्स सिस्टम के जरिये ही मासिक वेतन भुगतान को लिंक कर दिया है. सरकार ने इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ की तर्ज पर मुख्यमंत्री डैश बोर्ड बनाया है. इसमें सरकार की सभी प्रमुख गतिविधियां ऑनलाइन देखी जा सकती हैं. सरकार ने कार्य विभागों में होनेवाले कामों के लिए ऑनलाइन संवेदक निबंधन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. इतना ही नहीं कुबेर सॉफ्टवेयर से राज्य भर के कोषागारों से होनेवाली निकासी और ऑवंटन पर प्रति दिन नजर रखी जाती है. अधिकारियों के डिजिटल सिग्नेचर भी लिये जा रहे हैं, ताकि अधिसूचना और अन्य दस्तावेजों में हस्ताक्षर की बाध्यता को कम किया जा सके. सरकार के सभी विभागों का अलग-अलग वेब पोर्टल भी बनाया गया है. इसमें सरकारी विभागों की जानकारियां दी जा रही है.
आइटी पार्क और सॉफ्टवेयर टेक्नोलाजी पार्क भी बन रहे हैं
राज्य भर में आइटी पार्क और सॉफ्टवेयर टेक्नोलाजी पार्क भी बनाया जा रहा है. रांची के अलावा जमशेदपुर, बोकारो, देवघर में सॉफ्टवेयर टेक्नोलाजी पार्क बन रहा है. राजधानी में आइटी पार्क भी कोर कैपिटल एरिया में बनाया जा रहा है. इतना ही नहीं ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट की कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लिए भारत ब्राड बैंड-2 योजना की भी शुरुआत की गयी है. राज्य भर में ई-गवर्नेंस की सुविधा देने के लिए राजधानी के 13 महत्वपूर्ण सरकारी भवनों समेत अन्य कार्यालयों के बीच वाईड एरिया नेटवर्किंग भी की गयी है. स्टेड वाईड एरिया नेटवर्किंग (स्वान) का दूसरा चरण भी लागू कर दिया गया है. राज्य सरकार ने सूचना तकनीक से संबद्ध एप्लीकेशन लागू करने के नियम बनाये गये हैं. सरकार की तरफ से डिजीटल इंडिया के कार्यक्रमों को भी सफलतापूर्वक लागू किया जा रहा है. इलेक्ट्रोनिक सर्विस डिलिवरी मैकेनिज्म रूल्स, बीपीओ पॉलिसी समेत अन्य नियमावली भी सरकार ने बेहतर शासन के लिए तैयार किये हैं.