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सुकन्या योजना के लाभ हेतु अब आय प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं राशनकार्ड धारकों को मिलेगा लाभ

by bnnbharat.com
August 14, 2019
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सुकन्या योजना के लाभ हेतु अब आय प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं राशनकार्ड धारकों को मिलेगा लाभ
  • 2 करोड़ की लागत से सभी प्रखंड में बनेगा रेडी टू ईट का प्लांट

  • डाकुआ को अब 500 की जगह मिलेगी 1000 रुपये की प्रोत्साहन राशि

पोडयाहाट/पश्चिमी सिंहभूम: झारखंड की महिलाएं सशक्त होंगी शिक्षित होंगी तो एक नहीं दो परिवार सबल बनेगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य के हर प्रखंड में ready-to-eat प्लांट की स्थापना दो करोड़ की लागत से की जाएगी, जिसका संचालन सखी मंडल की बहने करेंगी। सखी मंडल की बहनें ready-to-eat को आंगनबाड़ी केंद्रों में सप्लाई करेंगी ताकि झारखंड से कुपोषण को समाप्त किया जा सके। राज्य सरकार को ready-to-eat को लेकर कुछ शिकायतें मिली थी। सरकार इस पर 500 करोड़ रुपए खर्च करती है। अब यह रुपए राज्य के गांव में ही घूमेंगे, जिससे गांव का आर्थिक सशक्तीकरण तो होगा ही साथ ही गांव की महिलाएं भी आर्थिक स्वावलंबन की ओर अग्रसर होते हुए राज्य के भविष्य यानि बच्चों को कुपोषण से मुक्त कर पुष्ट बनाएंगे। साथ ही मुख्यमंत्री सुकन्या योजना का लाभ सभी को मिले इस निमित्त अब किसी को भी आय प्रमाणपत्र की जरूरत इस योजना का लाभ लेने हेतु नहीं होगा। अब सभी प्रकार के राशन कार्ड धारी इसका लाभ ले सकेंगे। सरकार द्वारा जारी 14 मानकों को जो भी पूरा करेगा। वह योजना का लाभ ले सकेगा।

आपकी जमीन वर्तमान सरकार के रहते कोई छिन नहीं सकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तो आपके गांव में बिजली पहुंचा रहे हैं, बंजर भूमि पर खेती करवा रहे हैं, किसानों को सशक्त करने का प्रयास हो रहा है, महिलाओं को स्वावलंबी बनाया जा रहा है। लेकिन कुछ विकास व राष्ट्र विरोधी शक्तियां क्षेत्र में दुष्प्रचार कर रहीं हैं। किसानों को खेती व अन्य जरूरी संसाधन जुटाने हेतु दी जा रही केंद्र और राज्य सरकार की राशि के संबंध में गलत जानकारी दी जा रही है। उन्हें बताया जा रहा है कि उक्त राशि आप की जमीन के एवज में सरकार दे रही है जो कहीं से सही नहीं है। आप ऐसे विकास विरोधी लोगों की पहचान करें। यह राशि आपको खेती में सफलता प्रदान करेगी। आप किसानों के प्रयास का ही प्रतिफल है कि – 4 प्रतिशत राज्य की कृषि विकास दर को आप सभी ने अपनी मेहनत से 14% कर दिया। आपके द्वारा उपजाई गई सब्जियां आज पूरी दुनिया में 15 हजार करोड़ का कारोबार कर रही है।

डाकुआ का प्रोत्साहन राशि अब 500 रुपये की जगह 100 रुपये

मुख्यमंत्री ने कहा कि मानकी मुंडा डाकुआ समेत अन्य को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में पहली बार वृद्धि की गई। आप सभी को हमें और मजबूत करना है। डाकुआ को मिलने वाले 500 राशि की जगह अब एक हजार रुपए मिलेगा। मानकी मुंडा रसीद लगान ले सकते हैं, लेकिन आप गांव में बैठक कर विकास की भी चर्चा करें। क्योंकि सभी समस्याओं का एक ही निदान है विकास। जो हमारी धर्म और संस्कृति को नष्ट करने वाले नहीं चाहते। वे नहीं चाहते कि आदिवासियों का विकास हो। आप सरकार के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करें कि ऐसी विकास विरोधी राष्ट्र विरोधी शक्तियों को करारा जवाब देंगे।

54 गांव में सोलर के जरिये पहुंचाएं बिजली

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य गठन के बाद बिजली हर घर पहुंचे इस दिशा में कार्य हुआ है। पश्चिमी सिंहभूम के 54 गांव जो सुदूर पहाड़ों में बसते हैं, वहां तक बिजली पहुंचाने हेतु निर्देश दिया जा चुका है। इन गांवों को सोलर लाइट के माध्यम से रोशन किया जाएगा, जिससे बच्चों की पढ़ाई व अन्य दैनिक कार्य सुचारू रूप से हो सके। 14वें वित आयोग की राशि से जनजाति एवं अनुसूचित क्षेत्र के गांव का विकास हो रहा है। यहां सड़कें अच्छी बन रही हैं, गांव रोशन हो रहे हैं, पीने के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जा रही है। मंत्री परिषद की बैठक में आज दो अरब की पेयजल योजना को मंजूरी दी गई है। इसमें चाईबासा में भी पाइप लाइन से पेयजल उपलब्ध कराने का योजना शामिल है।

क्रयशक्ति बढ़ रही है झारखण्ड गरीबी रेखा से ऊपर आ रहा है

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूएनडीपी द्वारा हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार झारखंड दुनिया में दूसरा एवं देश में पहला ऐसा राज्य है जो गरीबी रेखा से बहुत तेजी से ऊपर आ रहा है। दूसरी ओर पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 2014 के बाद झारखंड में पेट्रोल और डीजल की खपत में 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।यह कैसे संभव हुआ। यह संभव हुआ क्योंकि राज्य के लोगों की क्रय शक्ति में वृद्धि हुई ।

अपनी मातृभाषा में बात करें, हम शिक्षा की व्यवस्था कर रहें हैं

मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब आदिवासियों के नाम पर राजनीति तो हुई लेकिन इनकी जिंदगी में बदलाव लाने के कार्य किसी ने नहीं किया। यह पीड़ादायक है। किसी ने इसे नहीं समझा। लेकिन मैंने गरीबी से संघर्ष किया है और आज यहां पहुंचा हूं। गरीबी का एहसास मुझे है। आदिवासी समाज के बच्चे भी शिक्षित हों, वे भी अच्छे पद पर आसीन हों यह सरकार की मंशा है। इसको ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के तहत 10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। साथ कोई आदिवासी युवा अगर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करना चाहता है तो राज्य सरकार उसे बेहतर कोचिंग प्रदान करने हेतु एक लाख रुपए देगी। आदिवासी बच्चों को उनकी भाषा में शिक्षा मिले, इसके लिए संथाल परगना में ओल चिकी एवं सिंहभूम में हो भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है। ताकि जिस मातृभाषा और परंपरा के लिए भगवान बिरसा मुंडा, सिद्धू कान्हो, फूलों जानो ने कुर्बानी दी वह संरक्षित रहे। हर प्रखंड में मॉडल स्कूल धरातल पर उतरे इस दिशा में सरकार काम कर रही है, जिससे बच्चों को बेहतर वातावरण में शिक्षा उपलब्ध कराया जा सके।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन एवं परिसंपत्तियों का वितरण किया।

मुख्यमंत्री ने 166 हो भाषा के शिक्षकों को नियुक्ति पत्र भी सौंपा।

मौके पर समेकित जनजाति विकास अभिकरण द्वारा बंजर भूमि और परती भूमि पर केला की खेती कर रही किरण गगरई, मानकी मुंडा श्री गणेश पिंगवा, कुपोषण को लेकर पश्चिमी सिंहभूम में किए गए कार्य के संबंध में मकरो बगरू, मुर्गी पालन कर रही जयंती इचागुरु समेत अन्य ने अपने अनुभव मुख्यमंत्री के समक्ष साझा किया।

अवसर पर पूर्व सांसद श्री लक्ष्मण गिलुवा, अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष श्री अशोक सारंगी, जिला अध्यक्ष श्रीमती लालमणि पूर्ति, पूर्व विधायक श्री गुरु चरण नायक, 20 सूत्री के उपाध्यक्ष श्री संजू पांडे, चाईबासा के उपायुक्त श्री अरवा राजकमल, उप विकास आयुक्त श्री आदित्य रंजन, पुलिस अधीक्षक श्री इंद्रजीत महाथा समेत अन्य उपस्थित थे।

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