अवसर था चरण पादुका योजना के उद्घाटन का। किसी ने सोचा भी नहीं था कि इस योजना का उद्घाटन इस तरह होगा। पर, जब समय आया इसके उद्घाटन का तो सब चौंक गए। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास एक छोटे भाई की तरह आगे बढ़े और आदिम जनजाति समुदाय की महिला झलक मुनि बिरहोर और तिरकी बिरहोर की ओर पहुंचकर उनके चरण पर झुके और उनके पैरों में चप्पल दिया और उन्हें प्रणाम किया। दोनों की आंखें भर आयी। लोग देखते रह गए.. लोग समझते रह गए। किसी ने ऐसी उम्मीद नहीं की थी पर मुख्यमंत्री के सहज व्यक्तित्व को इसकी परवाह नहीं थी। उनके लिए यह एक अत्यंत सामान्य सी बात थी। गरीब, गांव, मेहनतकश जैसे लोग मुख्यमंत्री के ह्रदय में बसते हैं। रक्षाबंधन से एक दिन पहले राज्य के मुख्य सेवक के हाथों बहन को चप्पल पहनाना लोगों के दिलों को छू गया।

अचानक से दृश्य कौंधता है संतालपरगना का। इसी तरह की घटना 14 सितम्बर 2016 को दुमका के आउटडोर स्टेडियम में हुई थी, जब मुख्यमंत्री मंच पर बैठे हुए थे, प्रमंडलस्तरीय सखी मंडलो का सम्मेलन हो रहा था, एक दिव्यांग जिसके पैर नहीं थे पर हौसले बुलंद थे वह मुख्यमंत्री को अपनी वेदना से रूबरू कराने के लिए मंच की ओर आगे बढ़ रहा था। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास की नजर उस पर पड़ी, इससे पहले कि कोई कुछ समझे मुख्यमंत्री मंच से उतरकर उस दिव्यांग भाई के पास पहुंचे और कहा कि मैं मुख्यमंत्री नहीं आपका सेवक हूं। मैं आपके पास आऊंगा। दिव्यांग भाई को अब आवेदन से अधिक महत्वपूर्ण लगने लगा मुख्यमंत्री की संवेदना। उसकी आंखों में आंसू थे…ऐसे ही आंसू आज कोल्हान में झलक मुनि बिरहोर, तिरकी बिरहोर की आंखों में थे।
मुख्यमंत्री ने आज कहा कि चरण पादुका योजना के तहत चाईबासा जिले की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा बनाई गई चप्पले आदिम जनजाति समुदाय को नि:शुल्क दी जाएंगी। ज्ञात हो कि इस योजना को एसीसी सीमेंट के सीएसआर फंड के माध्यम जा रहा है।