ग्रैंड माइनिंग कंपनी ने क्या ,14 करोड़ जुर्माने की रकम जमा की?
बसंत सोरेन स्पष्ट करें कैसे लिया कंपनी से संपत्ति खरीदने के लिये कर्ज
भाजपा ने ईडी और आयकर विभाग से शिकायत कर जांच का किया आग्रह
रांची: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आज प्रदेश मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा एक तरफ तथाकथित रूप से झारखंड के प्राकृतिक संसाधनों के दोहन का विरोध करती है. दूसरी और दुमका से झामुमो के प्रत्याशी बसंत सोरेन की साझेदारी वाली फर्म ग्रैंड माइनिंग पर अवैध खनन के मुद्दे पर ₹14.05 करोड़ का फाइन लगाया गया था.
प्रतुल शाहदेव ने कहा की यह फाइन अवैध खनन कर ज्यादा मूल्य के चालान बेचने की बात को आधार मानकर लगाया गया था. प्रतुल ने बताया कि तत्कालीन खान आयुक्त के आदेश पर तत्कालीन उपायुक्त ने पूरे मामले की रिपोर्ट दी थी जिसके बाद यह फाइन लगाया गया. यह मामला पाकुड़ जिला अंतर्गत पाकुरिया अंचल के गोलपुर मौजा के प्लॉट 566 में दिए गए लीज से संबंधित है.
प्रतुल ने कहा कि बसंत सोरेन को स्पष्ट करना चाहिए कि इस माइनिंग विभाग द्वारा लगाए गए इस फाइन की अद्यतन स्थिति क्या है? क्या इस मामले में न्यायालय के आदेश के अनुसार उन्होंने सेटल कर फाइन को जमा किया है या फिर बिना इस मामले को सेटल किए अभी भी यहां माइनिंग जारी है ?क्या उन्होंने फाइन की किसी क़िस्त का भुगतान किया है फिर बड़े भाई की सरकार आते ही मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया?
प्रतुल ने कहा कि एक ओर झारखंड मुक्ति मोर्चा झारखंड के प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के विरोध की झूठी बात करती है वही सोरेन परिवार के एक सदस्य के ऊपर अवैध खनन के मुद्दे पर फाइन लगता है. सत्ताधारी दल की विधायिका सीता सोरेन खुद स्वीकार करती है की दुमका में 700 अवैध क्रशर और माइंस प्रशासनिक संरक्षण में चल रहे हैं. यही झारखंड मुक्ति मोर्चा का असली चेहरा है.
प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा चुनाव आयोग सम्पर्क विभाग के सह संयोजक सुधीर श्रीवास्तव ने कहा कि दुमका उपचुनाव में झामुमो के प्रत्याशी बसंत सोरेन को स्पष्ट करना चाहिये कि बोकारो की ग्रैंड माइनिंग कंपनी ने क्या 14 करोड़ का जुर्माना भर दिया है? क्योंकि उनके नामांकन पत्र का दस्तावेज यह स्पष्ट करता है कि उपर्युक्त कंपनी ने उन्हें संपत्ति खरीदने के लिये 1करोड़ 20 लाख 47 हजार 319 रुपये कर्ज दिए हैं.
सुधीर ने कहा कि कोरोना संकट में लोग भोजन के लिये परेशान थे, मजदूर को काम नहीं मिल रहा था, कामगारों की नौकरी चली गई, सरकार ने ट्रेजरी बंद कर भुगतान रोक दिये थे ऐसे काल खंड में बसंत सोरेन करोड़ों की संपत्ति खरीद रहे थे.
ऐसे समय में 5 कंपनियों सहित 10 ने इन्हें कर्ज भी उपलब्ध कराए. जिनका उल्लेख करते हुए कहा कि एसेंट मिनिमेट रिसोर्स प्रा लिमिटेड ने 12 लाख ,एस्ट्रो मिनिरल्स प्रा लिमिटेड ने12 लाख रु जेबीआर शिवा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा लिमिटेड ने 37 लाख रु,ग्रांड माइनिंग ने 1करोड़ 20 लाख 47 हजार 319 रु, हेमंत सोरेन से 51 हजार 950 रु रूपी सोरेन से 17 लाख 85 हजार 390 रु, बी के इंटरप्राइजेज से 7लाख रु एवम अन्य से 10 लाख रु.
श्रीवास्तव ने कहा कि उपर्युक्त कंपनियों के निदेशक का उल्लेख दस्तावेज में नही है.
ऐसे में भाजपा यह जानना चाहती है कि इन कंपनियों के निदेशक कौन हैं?यदि स्वयं बसंत सोरेन ही हैं तो फिर वे कंपनी एक्ट के अनुसार निदेशक कर्ज नही ले सकता. फिर निदेशक कोई और है तो किस आधार पर बसंत सोरेन को कर्ज दिए. क्या मुख्यमंत्री को संतुष्ट करने के लिये तो कर्ज नही दिए गए? क्या ये कंपनियां वास्तव में हैं भी या नहीं, यह जांच का विषय है.
कहा कि भाजपा झामुमो प्रत्याशी द्वारा ऐसे भ्रामक जानकारी देने के लिये इनके नामांकन को रद्द करने की मांग निर्वाचन पदाधिकारी से करती है साथ ही ईडी एवं आयकर विभाग को शिकायत भेजकर जांच की मांग करती है.
प्रेसवार्ता में मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक भी उपस्थित थे.