मुख्यमंत्री: अपने देश की स्वतंत्रता की 72वीं वर्षगांठ पर मेरी ओर से आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएँ। आज का दिन हर हिन्दुस्तानी के लिए गर्व का दिन है। इस लहराते हुए तिरंगे को देखकर हर हिन्दुस्तानी का सिर गर्व एवं स्वाभिमान से ऊँचा उठ जाता है। राष्ट्र के प्रति प्रेम और देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत हर देशवासी अपने राष्ट्र एवं राज्य को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध एवं संकल्पित है।
हम सब जानते हैं कि यह आजादी हमें सस्ते में नहीं मिली है। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, वीर सावरकर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, पंडित जवाहरलाल नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आजाद, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, शहीद भगत सिंह के साथ झारखण्ड के वीर सपूतों भगवान बिरसा मुण्डा, वीर सिदो-कान्हू सहित आजादी के अहिंसात्मक आंदोलन में लाखों नर-नारियों को कारावास की यातनाएँ भी सहनी पड़ी। हजारों क्रांतिकारियों ने हँसते-हँसते फाँसी का तख्ता चूमकर अपने प्राणों का बलिदान दिया। हमारी आजादी इन सभी ज्ञात-अज्ञात शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों की देन है।
आइए, हम सब मिलकर इन महापुरुषों को अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि दें और प्रतिज्ञा लें कि हम इस आजादी की रक्षा करेंगे।
आज रक्षा बंधन का भी त्योहार है। स्नेह की शक्ति एक साधारण कच्चे धागे को भी अटूट रिश्ते में बदल देती है। इस मौके पर सभी झारखण्ड वासियों को, विशेषकर बहनों को शुभकामनाएं देता हूँ।
देश की आजादी का 72वाँ सालगिरह हमारे लिए कई सौगात लेकर आया है। स्वतंत्रता दिवस के ठीक पहले हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने राष्ट्र की एकता और अखण्डता को सुद़ृढ़ करने की दिशा में एक साहसी, ऐतिहासिक एवं दूरगामी निर्णय लेते हुए जम्मू एवं कश्मीर में लागू धारा 370, 35A को समाप्त कर दिया है।
करोड़ों देशवासियों की आकांक्षा एवं अपेक्षा को पूरा करने वाले इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए मैं माननीय प्रधानमंत्री जी एवं माननीय गृह मंत्री जी को बधाई देता हूँ तथा उनका अभिनन्दन करता हूँ।
सरकार के इस निर्णय से जम्मू एवं कश्मीर अब वास्तविक रूप में अखण्ड भारत का हिस्सा बन गया है।
आज मुझे श्रद्धेय श्री अटल जी का आदर्श वक्तव्य याद आ रहा है, जिसमें उन्होंने इन्सानियत, कश्मीरीयत और जम्हूरियत की बात कही थी। सरकार के इस निर्णय ने सरदार पटेल, डॉ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी,
डॉ0 भीमराव अम्बेदकर तथा अटल जी के अखण्ड भारत के सपने को साकार किया है।
मुझे पूर्ण विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के सहयोग एवं सरकार के द़ृढ़ निश्चय से आने वाले दिनों में जम्मू कश्मीर में व्याप्त समस्याओं का अन्त होगा तथा जम्मू-कश्मीर विकास की नई ऊँचाइयों को प्राप्त करेगा।
5. आज के इस गौरवशाली क्षण में मैं देश की सेना, अर्द्ध सैनिक बल तथा सुरक्षा बल के जवानों के जज्बे को भी सलाम करता हूँ, जिन्होंने राष्ट्र की एकता और अखण्डता को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। हम अपने घरों में चैन से सो पाते हैं, क्योंकि वे रात भर जाग कर हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं, विरासत में झारखण्ड को उग्रवाद की घोर समस्या मिली। हमारा झारखण्ड उग्रवाद की घोर समस्या से जूझ रहा था। विगत साढ़े चार वर्षों में हमारे पुलिस एवं अर्द्ध सैनिक बल के पदाधिकारियों एवं जवानों के अदम्य साहस तथा केन्द्र एवं राज्य सरकार की नीतियों के कारण उग्रवाद अंतिम सांसें ले रहा है। आज इस अवसर पर मैं अपने वीरगति प्राप्त पुलिस के जवानों के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ, जिन्होंने उग्रवाद के विरुद्ध कार्रवाई में अपने प्राणों की आहूति दी है। मेरा विश्वास है कि इनके त्याग एवं बलिदान के फलस्वरूप ही आज हमारे राज्य में शांति एवं बेहतर विधि व्यवस्था बनी हुई है, जो कि विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।
साथियों,
किसी भी राष्ट्र अथवा राज्य का निर्माण मजबूत सोच तथा बुलन्द इरादों से ही संभव है। आज मैं पूरे आत्म विश्वास से कह सकता हूँ कि हमारी सरकार के इरादे भी नेक हैं और हौसले भी बुलन्द हैं तथा हमें सवा तीन करोड़ जनता का विश्वास एवं आशीर्वाद भी प्राप्त है। जनता के इसी भरोसे की बदौलत हम धरती आबा भगवान बिरसा मुण्डा, सिदो-कान्हू एवं अन्य शहीदों के सपनों का झारखण्ड बनाने में जुटे हुए हैं। एक नया झारखण्ड, जहाँ कोई अभाव की जिन्दगी न जिये, जहाँ कोई बे-दवा, बे-शिक्षा, बेघर और गरीब न रहे।
हमारा एक ही लक्ष्य है, झारखण्ड की सवा तीन करोड़ की जनता की सेवा। हमें सवा तीन करोड़ भाइयों-बहनों की जिन्दगी में खुशहाली लाना है, उन्हें समृद्ध बनाना है।
मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि सरकार की मजबूत इच्छा शक्ति और जनता के सकारात्मक सहयोग से आज हमारा झारखण्ड तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। झारखण्ड के प्रति देश और दुनिया के नजरिये में बदलाव आया है। अब बदलते झारखण्ड, बढ़ते झारखण्ड तथा विकास की ओर उन्मुख झारखण्ड की चर्चा हर मंच से हो रही है।
पिछले पांच वर्षों में झारखण्ड में गरीबी के बहुआयामी सूचकांक में तेजी से कमी आयी है। UNDP की रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में तेजी से गरीबी कम होने वाले विभिन्न देशों के राज्यों में भारत का झारखण्ड सबसे ऊपर है। रिपोर्ट के अनुसार गरीबी की व्यापकता में 4.8 प्रतिशत तथा गरीबी की गहनता में 2.4 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से कमी आयी है।
झारखण्ड की अर्थ-व्यवस्था अब मजबूती की ओर बढ़ रही है। वर्तमान मूल्य पर पिछले तीन साल में 14.2 प्रतिशत की वृद्धि दर तथा प्रति व्यक्ति आय में पिछले तीन साल में 9.1 प्रतिशत दर की वृद्धि रही है। पिछले पांच सालों में प्राथमिक क्षेत्र के अंतर्गत वानिकी में 31.2 प्रतिशत तथा मत्स्य पालन में 15.9 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि हुई है।
हमारी सरकार का लक्ष्य है, विकास की गंगा गाँव-गाँव तक, घर-घर तक पहुँचे; गरीब से गरीब व्यक्ति तक पहुँचे। मैं झारखण्ड के किसानों को बधाई देना चाहता हूँ, जिनकी मेहनत से पिछले पाँच साल में कृषि विकास दर में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2014 में कृषि विकास दर -4.5 प्रतिशत थी जो बढ़कर 2019 में 14.5 प्रतिशत हो गयी।
हम सब जानते हैं कि कृषि हमारी अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। खेती हमारी संस्कृति और परम्परा का अभिन्न हिस्सा है तथा किसान हमारे अन्नदाता हैं।
झारखण्ड के इतिहास में पहली बार कृषकों के लिए मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना की शुरुआत की गई है, जिसमें राज्य के सभी लघु एव सीमांत किसान जिनके पास अधिकतम 5 एकड़ तक कृषि योग्य जमीन होगी, उन्हें 5000/- रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष की दर से सहायता अनुदान दिया जा रहा है। किसानों को न्यूनतम 5000 रुपये तथा अधिकतम 25000 रुपये आर्थिक सहायता के रूप में दिये जा रहे हैं। यह राशि किसानों को DBT के माध्यम से सीधा उनके बैंक खाते में भेजी जा रही है। राज्य सरकार इस वर्ष राज्य के लगभग 35 लाख किसानों को 3000 करोड़ की राशि का लाभ पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-किसान) की शुरुआत की गई, जिसके माध्यम से किसानों को तीन किस्तों में 6000 रुपये प्रदान किये जा रहे हैं। इस डबल इंजन की सरकार से किसानों को न्यूनतम ग्यारह हजार तथा अधिकतम 31 हजार रुपया प्राप्त होगा।
किसानों का सशक्तीकरण कर प्रधानमंत्री जी द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के संकल्प को पूरा किया जा रहा है।
इसके अलावा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत किसानों को बिना किसी शुल्क के बीमा कराया जा रहा है। किसानों को आधुनिक कृषि एवं उन्नत तकनीक से अवगत कराने हेतु जिनमें महिला किसान भी हैं, इजराइल भेजा गया। राज्य के किसानों के लिए कृषि फीडर की स्थापना सितम्बर 2019 तक पूर्ण हो जायेगी।
अगले महीने से राज्य के पत्रकारों के लिए पेंशन योजना शुरू की जा रही है।
राज्य के विकास में मजदूरों की भी अहम् भूमिका है। असंगठित मजदूरों को निबंधित कराने का अभियान चलाया जा रहा है ताकि उन्हें सरकार द्वारा दी जाने वाली चिकित्सा सुविधा, छात्रवृत्ति, औजार, साईकिल, सुरक्षा किट आदि की सुविधा मिल सके। प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना के तहत 3000 रुपये पेंशन देकर उनके भविष्य को सुरक्षित किया जा रहा है।
राज्य की सामाजिक और आर्थिक प्रगति में पथों का विशेष महत्व है। शहरी या ग्रामीण क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है।
हम राज्य के सभी शहरी एवं ग्रामीण बस्तियों में अगले तीन वर्षों में स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के लिए कृत संकल्पित हैं।
राज्य के हर नागरिक को स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने के संकल्प पर हम प्रतिबद्ध हैं। झारखण्ड की धरती से माननीय प्रधानमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, आयुष्मान भारत शुरू की थी। आयुष्मान भारत से झारखण्ड के 68 लाख परिवारों में 57 लाख परिवारों को इसका लाभ मिलेगा। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए अबतक लगभग 40 लाख गोल्डन कार्ड बनाये जा चुके हैं। साथ ही अब तक 2 लाख से अधिक लाभुकों को इस योजना का लाभ दिया गया है। बाकी बचे लाभुक को 16 अगस्त से बिना शुल्क दिए, प्रज्ञा केन्द्र एवं स्वास्थ्य केन्द्र में अपना गोल्डन कार्ड बनवा सकते हैं और 25 सितम्बर तक सभी 57 लाख परिवारों को गोल्डन कार्ड उपलब्ध करा दिये जायेंगे। साथ ही, 16 अगस्त से पहले फेज में 25 अटल क्लिनिक (मुहल्ला क्लिनिक) खोले जा रहे हैं तथा 25 सितम्बर तक 100 मुहल्ला क्लिनिक खोले जायेंगे जहाँ शहरी क्षेत्र के गरीब लोगों को अपने मुहल्ले में प्राथमिक ईलाज की सुविधा मिल सकेगी।
केन्द्र प्रायोजित योजना के अन्तर्गत ही दुमका, हजारीबाग एवं पलामू में नव-निर्मित मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के भवन का उद्घाटन किया जा चुका है। कोडरमा एवं चाईबासा में मेडिकल कॉलेज की स्थापना हेतु 250 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं
झारखण्ड के भविष्य निर्माण में सबसे बहुमूल्य पूँजी शिक्षा है, जिसमें हमारी सरकार निवेश कर रही है, ताकि सब बच्चों को शिक्षा मिले।
हमारी सरकार ने उच्च शिक्षा को सुलभ बनाने के द़ृष्टिकोण से 12 जिलोें में महिला महाविद्यालय, 13 जिलों में मॉडल महाविद्यालय एवं 27 अन्य डिग्री महाविद्यालयों सहित कुल 52 नये महाविद्यालयों की स्थापना की है। इसके अतिरिक्त 13 पॉलिटेक्निक संस्थान भी खोले गए हैं।
राज्य सरकार द्वारा तकनीकी शिक्षा के प्रसार हेतु कोडरमा एवं पलामू में अभियंत्रण महाविद्यालय एवं गोला में महिला अभियंत्रण महाविद्यालय का निर्माण कराया गया है। हमारी सरकार के अथक प्रयासों से 5 नए विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई है। संस्कृत भाषा एवं उसके गौरव को पुनर्स्थापित करने के उद्देश्य से देवघर जिला में बाबा बैद्यनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है। आने वाले वर्षों में तकनीकी सहायता उपलब्ध करवा कर शिक्षा और स्वास्थ्य में प्रमुख सेक्टर में बदलाव लाना है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में विगत 3 वर्षों में 5 लाख से अधिक आवास स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें 4.5 लाख से अधिक आवास पूर्ण किए जा चुके हैं। राज्य की विधवा महिलाओं को आवास उपलब्ध कराने हेतु बाबा साहेब अम्बेदकर आवास योजना के अंतर्गत तीन वर्षों में 19 हजार आवास स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें 8 हजार से अधिक आवास पूर्ण हो चुके हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी क्षेत्रान्तर्गत 96 हजार आवास निर्माण के अंतर्गत 49 हजार से अधिक आवासों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है, बाकी का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
महिलाएँ हमारी संस्कृति और हमारी सामाजिक प्रणाली का मुख्य आधार हैं। झारखण्ड के भविष्य का हमारा सपना तभी साकार हो सकता है, जब महिलाओं को शिक्षित किया जाय, आर्थिक द़ृष्टि से उनका विकास किया जाय। सखी मंडलों के माध्यम से स्वरोजगार देकर आर्थिक सशक्तिकरण किया जा रहा है।
देश की महिलाओं को लकड़ी आधारित ईंधन के प्रयोग के कारण होने वाली बीमारियों से बचाने एवं पर्यावरण स्वच्छता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लाभ हमारे राज्य की महिलाओं को भी मिल रहा है। झारखण्ड देश का पहला राज्य है, जहाँ हम महिलाओं को प्रथम गैस रिफिल के साथ ही नि:शुल्क गैस चूल्हा भी उपलब्ध करा रहे हैं। अब तक हमारे राज्य की 31 लाख से अधिक महिलाओं ने इस योजना का लाभ प्राप्त किया है। साथ ही, 30 सितम्बर तक और 12 लाख महिलाओं को इस योजना का लाभ दिया जायेगा।
रक्षा बंधन के अवसर पर हमारी सरकार ने अपनी बहनों को तोहफा देते हुए दूसरा गैस सिलेण्डर भी मुफ्त में देने का निर्णय लिया है, जो जन्माष्टमी के अवसर पर 23 अगस्त से शुरू होगा।
झारखण्ड का युवा धन ही झारखण्ड की शक्ति है। उसके हाथ में हुनर देना, कार्य का अवसर देना यह मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता है, क्योंकि झारखण्ड के विकास को और आगे ले जाने के लिए इससे बड़ी कोई पूंजी हमारे पास हो ही नहीं सकती। हम उसे आगे बढ़ाना चाहते हैं। अभी सरकारी नौकरी में 01 लाख नियुक्ति हो चुकी है तथा 50 हजार नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। निजी क्षेत्र में हुनर देकर 01 लाख 90 हजार युवाओं को रोजगार दिया गया है। टेक्सटाइल एवं फूड प्रोसेसिंग में 68 हजार युवक एवं युवतियों को प्रत्यक्ष एवं 02 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध कराये गये हैं। मुद्रा लोन से राज्य के 14 लाख 50 हजार नौजवानों को स्वरोजगार का अवसर दिया गया है। भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों में राज्य के दस हजार नौजवानों को नौकरी मिली।
राज्य के सभी 68 लाख घरों तक बिजली पहुँचा दी गई है। चौबीसों घंटे बिजली के लिए ग्रिड एवं सब-स्टेशन का निर्माण चल रहा है। 2020 तक चौबीसों घंटे बिजली की सुविधा गाँव तक पहुँच जायेगी। शहरों एवं गाँवों में स्ट्रीट लाईट लगाए जा रहे हैं।
राज्य में पर्यटन के विकास की असीम संभावना को देखते हुए पर्यटन के विकास पर जोर दिया जा रहा है।
राज्य के सभी शहरों को आपस में जोड़ने के लिए रेलवे लाईन का जाल बिछाया जा रहा है।
विकास को नई उड़ान देने के उद्देश्य से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में अवस्थित हवाई अड्डा के विस्तारीकरण का कार्य किया जा रहा है। रिजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत हवाई अड्डे का निर्माण कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजनान्तर्गत अबतक 6000 लोगों को पुरी, भुवनेश्वर, हरिद्वार, ॠषिकेश व प्रयागराज कुंभ की नि:शुल्क तीर्थ यात्रा करायी गयी है। सरकारी स्कूलों के बच्चों के बौद्धिक विकास हेतु नि:शुल्क राज्य से बाहर शैक्षणिक विकास हेतु यात्रा प्रारंभ की गई है। कैलाश मानसरोवर की तीर्थ यात्रा पर जाने वाले झारखण्ड के निवासियों को सब्सिडी के रूप में एक-एक लाख रुपया दिया जा रहा है।
औद्योगिक विकास हेतु Ease of Doing Business में झारखण्ड राज्य जहाँ 2014 में 29वें स्थान पर था, अब चौथे स्थान पर है। निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से झारखण्ड निर्यात नीति के द्वारा औद्योगिक इकाईयों को निर्यात प्रोत्साहन हेतु अनुदान दिये जा रहे हैं। विगत 3 वर्षों में हमारे राज्य ने 24 हजार करोड़ से अधिक का निर्यात किया है। विगत दो वर्षों में 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ, जिसमें
70 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
झारखण्ड में 15 प्रतिशत की दर से पेट्रोल, डीजल की मांग में बढ़ोत्तरी हुई है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में भी इसकी खपत में बढ़ोत्तरी हुई है। देश में पेट्रोल, डीजल की खपत में औसतन 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पेट्रोल, डीजल की बढ़ती हुई खपत इस बात का सूचक है कि झारखण्ड देश के अन्य हिस्सों के मुकाबले दोगुनी रफ्तार से विकसित हो रहा है।
खादी ग्रामोद्योग, कुटीर उद्योग और छोटे उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। इनके विकास के लिए लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड का गठन किया गया है। जिसके अंतर्गत लाह, बाँस, शिल्प एवं मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
भ्रष्टाचार मुक्त झारखण्ड बनाने के लिए हमारी सरकार कृत संकल्पित है।
हमारी सरकार ने अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के छात्र और छात्राओं को संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार की तैयारी के लिए एक मुश्त एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने के लिए मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना लागू की है।
हमारी सरकार ने ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित एवं विकसित कर वर्तमान एवं आने वाली पीढ़ी को झारखण्ड के गौरवपूर्ण अतीत से अवगत कराने के लिए राँची स्थित 150 वर्ष पुराने बिरसा मुण्डा सेन्ट्रल जेल को संरक्षित करके संग्रहालय के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इस संग्रहालय में भगवान बिरसा मुण्डा एवं अन्य शहीदों की प्रतिमाएं लगायी जाएंगी और उनकी जीवनी को लाईट एंड साउण्ड के माध्यम से प्रदर्शित किया जायेगा। बिरसा मुण्डा स्मृति पार्क का निर्माण किया जा रहा है, जो 15 नवम्बर 2019 तक पूर्ण हो जायेगा।
आदिवासी संस्कृति और परम्पराओं को बढ़ावा देने के लिए आदिवासी सांस्कृतिक केन्द्र मांझी मानकी हाउस, धुमकुड़िया का निर्माण और सरना, मसना एवं जाहेरथान की चहारदीवारी करायी जा रही है।
प्रलोभन देकर या जबरन धर्मान्तरण कराने को गैर-कानूनी ठहराते हुए इसके खिलाफ सख्त कानून बनाये गये हैं।
झारखण्ड के निर्माण के बाद पहली बार गाँवों के ग्राम प्रधान, मानकी मुण्डा, डाकुआ, परगनैत, घटवाल आदि सभी परम्परागत प्रधानों को सम्मान देते हुए उनके मानदेय को दोगुना किया गया है। इनके रिक्त पदों को भी भरा जा रहा है। विकास में इनकी भागीदारी बढ़ाने तथा इनका कार्य डिजिटल और सुगम बनाने के लिए इन्हें टैबलेट दिये गये हैं।
इस वर्ष हम महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती मनाने जा रहे हैं। हम सब का यह संकल्प होना चाहिए कि हम उनके कदमों में स्वच्छ भारत, स्वच्छ झारखण्ड रखें। महात्मा गाँधी ने अपने कर्तव्य से सम्पूर्ण विश्व के सामने अनुकरणीय आदर्श रखा था। हम उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनायें।
प्यारे झारखण्ड वासियों, हमें अतीत के उज्जवल पक्षों से प्रेरणा लेनी है। आइए अब भविष्य की ओर देखें। हम झारखण्ड की प्रकृति और संस्कृति को साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं। हमें एक समृद्ध, स्वावलम्बी और स्वाभिमानी झारखण्ड का निर्माण करना है। हम इस दिशा में चल पड़े हैं, हम इस दिशा में आगे बढ़ेंगे। सफल राज्यों की पंक्ति में हमारी गिनती होने लगी है। मैं किसानों, मजदूरों, कारीगरों, कर्मचारियों, बहनों, नौजवानों और झारखण्ड के तमाम नागरिकों से सुखी एवं सम्पन्न झारखण्ड के निर्माण में अपना योगदान देने का आह्वान करता हूँ। नया झारखण्ड बनाना है, यह हमारा संकल्प है। यही हमारी आकांक्षा है।