उत्तर कोरिया ने एकबार फिर मिसाइल परीक्षण किया है। शुक्रवार देर रात उत्तर कोरिया ने दो प्रोजेक्टाइल मिसाइल दागी। उत्तर कोरिया की ओर से पिछले 3 हफ्तों में किया गया यह छठा परीक्षण है। इन परीक्षणों से अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि उत्तर कोरिया के इन परीक्षणों को अमेरिका के सामने उसकी सैन्य क्षमता दिखाने के तौर पर देखा जा रहा है।
बीते दिनों उत्तर कोरिया ने अपने पूर्वी तट से दो अज्ञात प्रोजेक्टाइल को प्रक्षेपित किए। उससे पहले चार अगस्त को प्योंगयांग ने पूर्वी सागर से दो अज्ञात छोटी दूरी के प्रोजेक्टाइल का परीक्षण किया था। इस तरह से उत्तर कोरिया 22 दिनों के भीतर पांचवीं बार मिसाइलों का परीक्षण कर चुका है। इन परीक्षणों में उत्तर कोरिया की हताशा को साफ तौर पर देखा जा सकता है। दक्षिण कोरिया और अमेरिकी सेना के संयुक्त अभ्यास के बाद उत्तर कोरिया ने अपना परीक्षण तेज कर दिया है। इस संयुक्त अभ्यास को उत्तर कोरिया का लगातार विरोध कर रहा था। इस विरोध के बावजूद भी अमेरिका और दक्षिण कोरियाई सेना का संयुक्त अभ्यास शुरू हुआ। इससे उत्तर कोरिया तिलमिलाया हुआ है।
उत्तर कोरिया बहुत ही सुनियोजित ढंग से अपने परीक्षण गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। उसकी बढ़ती परीक्षण गतिविधियों का मकसद परमाणु वार्ता की धीमी गति को लेकर दक्षिण कोरिया और अमेरिका पर दबाव को बढ़ाना है। अमेरिका-दक्षिण कोरिया के बीच होने वाले सैन्य अभ्यास और अमेरिका के साथ ठप पड़े परमाणु वार्ता को लेकर उत्तर कोरिया अपनी निराशा और हताशा का प्रदर्शन कर रहा है। इस परीक्षण के द्वारा वह अमेरिका को वार्ता का दबाव बनाना चाहता है।
अधर में लटके उत्तर कोरिया और अमेरिकी सेना के संयुक्त युद्ध अभ्यास और यूएस से मिलने वाली बार-बार की धमकियों ने किम जोंग उन की नाराजगी बढ़ाई है। परमाणु हथियारों को नष्ट करने को लेकर उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच चल रही बातचीत के किसी नतीजे पर नहीं पहुंचने को लेकर भी किम जोंग उन का गुस्सा बढ़ा है।
दोनों ही देश इस संबंध में पिछले एक महीने से बातचीत के दौर से गुजर रहे हैं। किम जोंग उन की मंशा है कि कुछ हथियार नष्ट करने से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उनके देश पर लगाए प्रतिबंधों को हटा लें। जबकि राष्ट्रपति ट्रंप उत्तर कोरिया के ऐसे सभी हथियार नष्ट कर देने के बाद प्रतिबंध हटाने की बात पर अड़े हुए हैं।