स्वतंत्रता दिवस समारोह से बनायी दूरी।
देश 73वें स्वतंत्रता दिवस के जश्न में डूबा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार सुबह लालकिले पर तिरंगा फहराया और विदेशी मेहमानों की मौजूदगी में देश को संबोधित भी किया. यहाँ पर पक्ष विपक्ष के तमाम मेहमान मौजूद थे ,यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी पहुंचे और तन्मयता के साथ प्रधानमंत्री का भाषण भी सुना लेकिन सबसे चर्चा का विषय यह है कि यहां पर आजादी का श्रेय लेने वाली कांग्रेस का सबसे अहम गांधी परिवार से जुड़े किसी भी व्यक्तित्व ने शिरकत नहीं की. क्या अपने देश के राष्ट्रीय पर्व समारोह का विरोधी बन गया है यह परिवार . कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी साथ ही प्रियंका गांधी परिवार की दूरी हर वर्ग में आक्रोश पैदा कर रहा है।
लालकिले से अपने छठे भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों में कोई ना कोई ऐसा व्यक्ति है, जो अनुच्छेद 370 के खिलाफ या तो प्रखर रूप से या फिर मुखर रूप से बोला है. लेकिन जो लोग इसकी वकालत कर रहे हैं उनसे देश पूछ रहा है कि ये इतना जरूरी था, तो 70 साल में आपने इन्हें क्यों अस्थाई बना रखा था. साफ तौर पर इस बड़े मुद्दे में कांग्रेस और गांधी परिवार ही घिरता हुआ दिखा है , स्वतंत्रता दिवस समारोह से गांधी परिवार की दूरी इसे ही बड़ी वजह के रूप में देखा जा रहा है।
यानि स्वतंत्रता दिवस समारोह से बड़ा हो गया है गांधी परिवार , पंडित नेहरू के दौर से छह दशकों तक देश में सत्ता संभालने वाली ,कांग्रेस का गांधी परिवार अब पाकिस्तान और आतंकवाद के समर्थन में सुर मिला रहा है उसे देशद्रोहियों की फितरत पसंद है काश्मीर में अस्थिरता पसंद है आखिर धारा 370 का हटना इस परिवार को क्यों नागवार गुजर रहा है इस परिवार की स्वार्थ परक राजनीति यहां देश प्रेम से बड़ी होती दिखी है।