मुंबई: महाराष्ट्र पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को दो साल पुराने आत्महत्या के मामले में गिरफ्तार करने से पहले ‘ऑपरेशन अर्नब’ के तहत गुप्त व्यूह की रचना की थी. इसकी कमान राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने अपने हाथ में रखी थी. उन्होंने शिवसेना, कांग्रेस व राकांपा की साझा सरकार की रणनीति के अनुसार अर्नब गोस्वामी को घेरा.
रिओपन कराया गया केस
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अर्नब गोस्वामी द्वारा कांग्रेस, शिवसेना व राकांपा पर लगातार अपने न्यूज चैनल के जरिए प्रहार का हिसाब चुकता करने के लिए महाराष्ट्र की इस त्रिदलीय गठबंधन सरकार ने पहले यह मामला खंगाला. इसके बाद रायगढ़ पुलिस ने सुसाइड केस रिओपन करने की परमिशन ली. केस की फाइल का कानूनी अध्ययन कर यह पुख्ता किया गया कि केस में अर्नब पर लगे आरोप ठोस हैं.
सुसाइड नोट में अर्नब पर आरोप
बता दें कि इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक व उनकी मां ने वर्ष 2018 में खुदकुशी कर ली थी. एक कथित सुसाइड नोट के अनुसार नाइक ने अर्नब द्वारा उनका पैसा नहीं चुकाने से अपने परिवार के तंगहाली में आने के कारण खुदकुशी कर ली थी.
कोंकण के आईजी को सौंपी कमान
रिपोर्ट के मुताबिक, सुसाइड केस रिओपन करने की अनुमति मिलने के बाद गृह मंत्री देशमुख ने कोंकण रेंज के आईजी संजय मोहित के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय टीम बनाई. इसमें मुंबई व रायगढ़ पुलिस के 40 अफसरों व जवानों को शामिल किया.
पूरी योजना गोपनीय रखी
महाराष्ट्र पुलिस ने इस समूचे अभियान को इनता गोपनीय रखा कि किसी को कानोंकान खबर नहीं हुई. पुलिस को शक था कि जरा भी प्लान लीक हुआ तो अर्नब गिरफ्तारी से बचने के लिए मुंबई से भाग सकते हैं. इस तरह आपरेशन अर्नब पूरा कर बुधवार सुबह उन्हें हिरासत में ले लिया गया.