ब्यूरो चीफ
रांची
माल और वस्तू कर (जीएसटी) के दौर में ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायतें झारखंड में बढ़ने लगी हैं. अब तक राज्य भर में ऐसे 43 मामले सामने आये हैं. इनमें से 25 पर प्राथमिकी भी दर्ज करायी जा चुकी है. ये बातें सूचना भवन में वाणिज्य कर सचिव प्रशांत कुमार ने शुक्रवार को कहीं. उन्होंने कहा कि फरजी इनवायस और चालान से यह धोखाधड़ी हो रही है, जिससे सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अब क्वार्टली स्टेटमेंट जमा करने की जगह वार्षिक स्टेटमेंट जमा करने का प्रावधान किया गया है. वार्षिक विवरणी भरने और इनपुट टैक्स क्रेडिट के बारे में सभी व्यापारियों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है. झारखंड में जीएसटी के लागू होने के बाद 90 हजार से अधिक व्यवसायियों ने अपना निबंधन कराया है. अब राज्य भर में निबंधित व्यापारियों की संख्या 1.80 लाख से अधिक हो गयी है.
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जीएसटी कलेक्शन में हो रही बढ़ोत्तरी, पर लक्ष्य की खाई में कमी का प्रतिशत कम
वाणिज्य कर सचिव का कहना है कि 30 जून 2017 से देश भर में जीएसटी लागू किया गया है. झारखंड में जुलाई 2019 तक 4740.57 करोड़ रुपये जीएसटी की वसूली हुई है. सरकार की तरफ से चालू वित्तीय वर्ष में 16700 करोड़ के कर्ज की वसूली का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद झारखंड को कर वसूली का जो औपबंधिक लक्ष्य दिया गया था. उसके घाटे को पाटने में कम सफलता मिल रही है. केंद्र सरकार ने 2022 तक घाटे को शून्य तक करने का लक्ष्य दिया है. 2018-19 में सरकार ने 17 प्रतिशत घाटे को ही पाटने में सफलता हासिल की है. 2018-19 में सरकार को जीएसटी से 2831.42 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई थी, जबकि गैर जीएसटी से 855 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे. इस वित्तीय वर्ष में कुल कर संग्रहण 12953.07 करोड़ हुआ था. केंद्र सरकार से झारखंड को जीएसटी के कंपेंसेशन (मुआवजे) के बाबत सिर्फ 509.76 करोड़ रुपये ही मिले हैं.
कई चीजों के स्लैब किये गये कम
राज्य सरकार ने रीयल एस्टेट से जुड़े लोगों के लिए अब बने-बनाये मकान और फ्लैट पर जीएसटी की दर 12 फीसदी से घटा कर पांच फीसदी कर दी है. स्कूल बैग पर कर की दर 18 फीसदी कर दी गयी है. राज्य सरकार ने रेस्तरां में लगनेवाले जीएसटी को भी पांच फीसदी करते हुए राजस्व वसूली के क्षेत्र में वृद्धि करने का फैसला लिया है. सिनेमा घरों में 100 रुपये से अधिक दर की टिकटों पर भी जीएसटी 18 फीसदी कर दी गयी है. व्यावसायिक एवं मोटर पार्टस की इकाईयों को राहत देने के लिए भी कर का स्लैब 10 फीसदी से घटा कर 5 फीसदी किया गया है. एलइडी बल्ब, दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना के तहत बिजली के उपकरण भी सस्ते किये गये हैं.
राज्य सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों पर जीएसटी की दर घटायी है, जिससे राज्य में डीज़ल-पेट्रोल 2.50 रुपये लीटर सस्ता मिलता है. सरकार की तरफ से जीएसटी के तहत फॉर्म-C, फॉर्म-F, फॉर्म E-1, फॉर्म E-2 एवं ऑनलाइन चालान की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं. जीएसटी के निबंधन में लगनेवाली सिक्युरिटी डिपॉजिट को भी शून्य से 50 हजार रुपये तक किया गया है.