आर्थिक संकट से गुजर रहे पाकिस्तान को अमेरिका ने एक और झटका दिया है। अमेरिका ने केरी लूगर बर्मन एक्ट के तहत पाकिस्तान को दी जाने वाली प्रस्तावित आर्थिक मदद में 44 करोड़ डॉलर की कटौती कर दी है। इस कटौती के बाद पाकिस्तान को 4.1 अरब डॉलर की धनराशि दी जाएगी। पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार , आर्थिक मदद में कटौती के फैसले के बारे में पाकिस्तान को इमरान खान के अमेरिकी दौरे से तीन सप्ताह पहले ही आधिकारिक सूचना दे दी गई थी।
पाकिस्तान अमेरिका से यह आर्थिक मदद पाकिस्तान एन्हांस पार्टनरशिप एग्रीमेंट 2010 के जरिये हासिल करता है। आर्थिक मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, 90 करोड़ डॉलर की बची हुई अमेरिकी मदद पाने के लिए पाकिस्तान ने पिछले सप्ताह ही पेपा की समय सीमा बढ़ाई थी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अक्तूबर, 2009 में अमेरिकी कांग्रेस ने ‘केरी लूगर बर्मन ऐक्ट’ पास किया था। इसे लागू करने के लिए सितंबर, 2010 में पेपा पर हस्ताक्षर किए गए। इसके तहत पाकिस्तान को पांच साल की अवधि में 7.5 अरब डॉलर की मदद दिए जाने की व्यवस्था की गई थी। इस अधिनियम को पाकिस्तान की आर्थिक संरचना में निवेश करने के मकसद से लाया गया था, जिसके तहत देश के ऊर्जा और जल संकट को दूर किया जाना था। आर्थिक मदद में कटौती से पहले 4.5 अरब डॉलर की धनराशि आवंटित की जानी थी, जो अब घटकर 4.1 अरब डॉलर पर पहुंच गई है।
पाकिस्तान के आर्थिक मंत्रालय के अनुसार, पेपा उन चार माध्यमों में से एक है, जिनके जरिये अमेरिका पाकिस्तानी नागरिकों को आर्थिक मदद करता है। अमेरिका ने वर्ष 2001 के बाद से पाकिस्तान को सभी माध्यमों से करीब 8.2 अरब डॉलर की आर्थिक मदद का वादा किया है, जिसमें से 6.6 अरब डॉलर की मदद उसे दी जा चुकी है। वहीं अमेरका के इस फैसले पर पाकिस्तान के अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका से मिलने वाली धनराशि में कटौती केवल पाकिस्तान के लिए नहीं की है। यह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विकासशील देशों को दी जाने वाली मदद को घटाने की रणनीति का ही हिस्सा है।
पेपा समझौते के लागू होते ही पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्ते बिगड़ने शुरू हो गए थे। इसका असर अमेरिका की पाकिस्तान के लिए उसकी प्रतिबद्धताओं और आर्थिक मदद पर भी पड़ा। जनवरी, 2018 में ट्रंप ने एक ट्वीट में पाकिस्तान को जमकर खरी-खोटी सुनाई थी। साथ ही पाकिस्तान को दी जाने वाली 1.3 अरब डॉलर की सुरक्षा मदद राशि बंद कर दी थी। ट्रंप ने फटकार लगाते हुए कहा था कि पाकिस्तान ने झूठ और धोखे के अलावा अमेरिका को कुछ नहीं दिया।