रांची: आदिवासी जन परिषद के तत्वावधान में बिरसा समाधि स्थल में बिरसा मुंडा के जन्म दिवस के अवसर पर रविवार को बिरसा मुंडा प्रतिमा स्थल पर श्रद्धासुमन अर्पित की गई.
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि बिरसा मुंडा का सपना आज भी अधूरा है, क्योंकि आदिवासी मूलवासीयों को अभी तक नौकरी नहीं मिल रही है, स्थानीय नीति झरखंड के हित के लिए नहीं बनाई जा रही हैं.
दूसरी बात आदिवासियों की जमीन सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर माफियाओं दलालों के द्वारा पुरजोर तरीके से बेची जा रही है. भूमि अधिग्रहण कानून 2017 का अभी तक रद्द नहीं किया जा रहा है. इसलिए आज आदिवासी समाज को संकल्प लेने का दिन है. मिल जुलकर के बिरसा के सिद्धांतों और कार्यों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है. आदिवासी जन परिषद मांग करती है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का झारखंड की राजधानी रांची में संग्राहलय बनाई जाए.
आदिवासी जन परिषद के प्रधान महासचिव अभय भुट कुवर ने कहा कि आदिवासियों के धार्मिक एवं सांस्कृतिक एवं जमीन बचाने के लिए संघर्ष करने की आवश्यकता है. राज्य में जिस प्रकार आदिवासियों की जमीन की लूट हो रही है इस पर राज्य सरकार पहल नहीं करती है, तो आने वाले समय में गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. इसलिए आदिवासी जमीन बचाने के लिए संघर्ष जोरदार ढ़ंग से करने आवश्यकता है.
इस कार्यक्रम में अभय भुट कुंवर, सिकंदर मुंडा संजुक्त सचिव आदिवासी जन परिषद अनूप बड़ाइक, रंजीत लकड़ा, विक्की लोहरा, रंजीत उरांव, रोशनलाल केरकेट्टा मनोज बडाईक यदि शामिल थे.