रांची
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने राज्य सरकार से कहा है कि 2018-19 के पहले स्थापित इंजीनियरिंग कॉलेजों को तत्काल संबद्धता प्रदान की जाये. उन्होंने कहा कि इन इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ रहे हजारों छात्र-छात्राओं को संबद्धता नहीं मिलने से परेशानी हो रही है. इसके लिए जल्द ही मंत्रिमंडल समन्वय विभाग की सहमति भी ली जाये. उन्होंने कहा कि सेवानिवृत शिक्षकों को समय पर पेंशन मिले, इसके लिए उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग और विश्वविद्यालय गंभीर रहें. उन्होंने कहा कि कुछ सेवानिवृत शिक्षकों का पेंशन निर्धारण अब तक नहीं हुआ है. वर्षों से यह मामला लंबित है. राजभवन में उच्च, तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास विभाग के अधिकारियों के साथ शनिवार को हुई बैठक में उन्होंने कहा कि जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के शिक्षकों की प्रोन्नति की दिशा में पहल की जरूरत है.
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उन्होंने कहा कि जनजातीय भाषा का विश्वविद्यालय बहरागोड़ा में स्थापित किया जाये, क्योंकि यहां से पश्चिम बंगाल और ओड़िशा दोनों नजदीक हैं. उन्होंने विनोद बिहारी महतो विवि में वित्त पदाधिकारी की पोस्टिंग करने का निर्देश भी दिया.
राज्यपाल ने केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड के लिए जल्द पर्याप्त जमीन उपलब्ध कराने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने कहा कि उरीमारी एवं पोटका के ग्रामीण इलाकों में जल्द ही डिग्री महाविद्यालय की स्थापना की जाये. उच्च, तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव शैलेश कुमार सिंह ने कहा कि बड़कागांव में कॉलेज की जमीन चिह्नित कर ली गयी है. उन्होंने कहा कि सरकार ने सभी विधानसभा में डिग्री कॉलेज स्थापित करने का निर्णय लिया है.
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राज्य में महिला विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर गति लाने के निर्देश दिये गये हैं. बैठक में विश्वविद्यालयों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को न्यूनतम शिक्षक अवधि निर्धारित करने की जरूरत है. बैठक में विश्वविद्यालय द्वारा स्वंय, वित्त पोषित पाठ्यक्रमों के शुल्क में एकरूपता लाने पर बल दिया गया.
चांसलर पोर्टल को अगले सत्र में भी क्रियाशील करने की सहमति बनी. मौके पर राज्यपाल के प्रधान सचिव सतेंद्र सिंह, सिद्धों-कान्हू मुरमू विवि के कुलपति डॉ एमपी सिन्हा, उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ शैलेश कुमार चौरसिया, तकनीकी शिक्षा निदेशक अरुण कुमार और अन्य मौजूद थे.