- वैद्यनाथ धाम का विकास, गोड्डा और बोकारो कॉलेज की निविदा में गड़बड़ी पर है आरोप
- भवन निर्माण सचिव बोले मेल करने वाली कंपनी पर होगी एफआइआर
रांची: नई दिल्ली की कंपनी आधार स्तंभ टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड के सुशांत गर्ग ने झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास, मुख्य सचिव डीके तिवारी, भवन निर्माण सचिव सुनील कुमार समेत अन्य अधिकारियों को ई-मेल के जरिये राज्य भर में निविदा में होनेवाली गड़बड़ी पर ध्यान आकृष्ट कराया है। सुशांत ने अपने ई-मेल में 27 लोगों को अपनी पीड़ा लिख कर यह बताने की कोशिश की है कि कैसे बाहर की कांट्रैक्टर कंपनियों को झारखंड भवन निर्माण निगम लिमिटेड (जेएसबीसीसी) में अनदेखी की जा रही है। उन्होंने लिखा है कि झारखंड के संवेदक दूसरे ठेकेदारों को जेएसबीसीसी में इंट्री करने के सबसे बड़े बाधक हैं।
क्या लिखा है कंपनी ने
जेबीसीसीएल की तरफ से वैद्यनाथ धाम देवघर का विकास, गोड्डा और बोकारो कॉलेज की निविदा आमंत्रित की थी। इसको लेकर एक पीआइयू शैलेंद्र (जिनका नंबर 9304117055, 9470964871) को बनाया गया था। टेंडर को लेकर हमलोगों ने रांची आकर शैलेंद्र से मिलने की कोशिश भी की। पर हमें गलत-गलत पता देकर गुमराह किया गया। पहले हमें प्रोजेक्ट भवन भेज दिया गया, फिर वहां से जेएसबीसीसी बिल्डिंग भेज दिया गया। वहां पर पहुंचने के बाद जब हमने शैलेंद्र को फोन किया, तो उन्होंने हमें मोरहाबादी के कुसुम विहार में बुलाया। इस पर हमलोग कुसूम विहार ओला से पहुंचे। वहां पर शैलेंद्र से मुलाकात हुई। गोल-गोल बातें करते हुए उन्होंने कहा कि आधार स्तंभ को लेटर आॅफ अवार्ड (एलओए) मिल सकता है। इसके लिए कुल लागत का 3.5 प्रतिशत नकद भुगतान लेटर मिलने के बाद करना होगा। सारी बातें होने के बाद फिर हमलोगों को जेएसबीसीसी के दफ्तर बुलाया गया। यहां पर शैलेंद्र ने अपने सहयोगी श्री झा से मुलाकात करायी। यहां भी वही बातें दुहरायी गयी और पैसे देने को कहा गया।
जेएसबीसीसी में श्री कुरेजी से की मुलाकात
निविदा की शर्तों को लेकर हमने फिर श्री कुरेजी से मुलाकात की। यह कहा कि निविदा में भाग लेने के लिए पांच वर्ष का टर्न ओवर, निविदा की राशि से 1.50 गुना का अधिक का काम करने और न्यूनतम टर्नओवर 55 करोड़ का होना जरूरी किया गया है। यहां यह भी दलील दी गयी कि आधार स्तंभ टाउनशिप सीपीडब्ल्यूडी की ग्रेड-1 कांट्रैक्टरों में निबंधित है और देश के किसी भी कोने में निविदा भर सकती है। हमने यह भी स्पष्ट किया कि हम 50 करोड़ की किसी भी निविदा में शिरकत कर सकते हैं। श्री कुरेजी से अन्य बड़े अधिकारियों से मिलवाने का आग्रह भी किया, पर हमारे आग्रह को अस्वीकार कर दिया गया। फिर हमलोग अपने कमरे में आकर रांची के अनुभव पर विचार किया। यह पाया कि रांची से बाहर के कांट्रैक्टरों के लिए जेएसबीसीसी में कोई जगह नहीं है। वहां पर सभी चीजें ठंडे बस्ते में रहती हैं और वहां के कुछ लोग कांट्रैक्टरों से निविदा की आड़ में सौदेबाजी करते हैं। हमने काफी विचार विमर्श करने के बाद मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रधानमंत्री को मेल लिख कर झारखंड में हो रही गड़बड़ी पर कार्रवाई का आग्रह करने का निर्णय लिया। इसी आलोक में सभी जगहों पर मेल भेजी जा रही है।
मेल करने वाला फेक आदमी है, एफआइआर करेंगे: सुनील
भवन निर्माण सचिव सुनील कुमार ने कहा कि आधार स्तंभ टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड ने टेंडर ही नहीं डाला है। वो फेक आदमी है। उसके मेल का जवाब दिया जाएगा। मैनें भी मेल में लिखी बातों को पढ़ा है। वह पूरी तरह से फेक है। उस पर एफआइआर करेंगे।