रांची:- स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता झारखंड एड्स कंट्रोल सोसाइटी द्वारा विश्व एड्स दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए.इस अवसर पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई साथ ही एड्स उन्मूलन की दिशा में कार्य कर रहे संस्थाओं और लोगों को सम्मानित कर हौसला अफजाई किया गया.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार एड्स उन्मूलन की दिशा में विभिन्न कार्यक्रम चला रही हैं जिससे झारखंड को शीघ्र ही एड्स मुक्त किया जा सके.
उन्होंने बताया कि एड्स प्रतिवर्ष एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है. इस दिवस को आयोजित करने का उद्देश्य एचआईवी रोग के प्रति पूरे विश्व में एकजुटता प्रदर्शित करना है. हमारे बीच में वे लोग जो एचआईवी से ग्रसित हैं, हमे उनको सहायता प्रदान करना है.उन्होंने बताया कि एचआईवी ग्रसित व्यक्ति के सम्पर्क में आने वाले दूसरे स्वस्थ्य व्यक्ति को एचआईवी वायरस फैलने का खतरा होता है. साथ ही एचआईवी एड्स फैलने के सबसे प्रमुख कारण असुरक्षित यौन सम्पर्क है. कोई व्यक्ति बीमार या दुर्घटनाग्रस्त है और इलाज के दौरान उसे यदि एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाया जाता है तो उसे भी एचआईवी एड्स का संक्रमण हो सकता है. यदि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई सुई व सीरिंज को अन्य व्यक्ति इस्तेमाल करता है तो उसे भी एचआईवी संक्रमण का खतरा रहता है. इसलिए हमेशा डिस्पोजेबल सुई व सीरिंज का ही उपयोग करें. एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिला से उसके होने वाले शिशु में भी एचआईवी संक्रमण का खतरा रहता है.
उन्होंने बताया कि राज्य में वर्तमान समय में 12 एआरटी केंद्र कार्य कर रहे हैं जबकि 24 सदर अस्पताल में और 3 मेडिकल कॉलेज में निःशुल्क एचआईवी टेस्ट की जांच की सुविधा उपलब्ध हैं और अभी तक 25757 एचआईवी संक्रमित मरीज मिल चुके हैं.
राज्य सरकार के द्वारा गर्भवती महिलाओं, टीबी के रोगियों, यौन रोगियों एवं जनसामान्य को निःशुल्क परामर्श एवं जांच सेवा उपलब्ध कराई जाती है. प्रदेश के विभिन्न जिला चिकित्सालयों, चिकित्सा महाविद्यालयों तथा कुछ सामुदायिक स्वास्थ्य केंन्दों में एकीकृत परामर्श जांच केन्द्र संचालित है. एचआईवी पॉजीटिव एवं एड्स पीड़ितों के उपचार के लिए एआरटी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है, जहां निःशुल्क औषधी एवं उपचार उपलब्ध है.
एचआईवी पॉजिटिव मरीजों से भेदभाव न करें
मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों को छूने से उनके साथ रहने से, साथ खाना खाने से, मच्छर काटने से, छींकने या खांसने से संक्रमण नहीं फैलता है. इसलिए एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए. उनके साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए. वे भी हमारी ही तरह सामान्य जीवन जीने के हकदार हैं. हम यदि सहयोग करेंगे तो एआरटी ईलाज के सहारे वे लम्बे समय तक स्वस्थ्य जीवन जी सकते हैं.
मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि सरकार एड्स पॉजिटिव मरीजों के इलाज के लिए प्रतिबद्ध हैं इसी के तहत सरकार राज्य सुरक्षा पैंशन योजना के तहत 1000 रुपये प्रति माह मरीजों को देती हैं ताकि वो आ जा सके.वर्तमान में करीब 3500 मरीजों को ये लाभ मिलता हैं.