रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड के बच्चों में असीम प्रतिभा है. वे पढ़ाई के क्षेत्र, खेलकूद एवं कला संस्कृति के क्षेत्र में निपुण है. बच्चे उत्कृष्टता हासिल करें. वे लक्ष्य निर्धारित कर उस दिशा में परिश्रम करें. एएनएम, जीएनएम बनने तक आप सीमित न रहें. स्वयं को विकसित करें. राज्यपाल मंगलवार को संताल परगना दौरे के क्रम में काठीजोरिया, दुमका स्थित एकलव्य बालिका आवासीय विद्यालय का भ्रमण कर रही थीं. मौके पर कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी, उपायुक्त दुमका समेत जिला प्रशासन के अधिकारी, विद्यालय की शिक्षिकाएं एवं अध्ययनरत बालिकायें मौजूद थे.
उन्होंने कहा कि जब तक महिलाएं आगे नहीं बढ़ेंगी, देश आगे नहीं बढ़ेगा. महिला एवं पुरूष समाज के दो अभिन्न अंग हैं. बच्चों से कहा कि समाज को आगे लाने की जिम्मेदारी आप पर है. बच्चे अपने गांवों में जाकर लोगों को प्रेरित करें. बाल संसद के विद्यार्थियों से भी मुलाकात की और विद्यालय की स्थिति के संदर्भ में पूछा. इससे पूर्व उन्होंने विद्यालय का अवलोकन किया.
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स्कूल के नाम से पिछड़ी जाति हटना चाहिए
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि प्लस टू पिछड़ी जाति आवासीय बालिका उच्च विद्यालय कुरूवा के नाम से पिछड़ी जाति हटाना चाहिये. वह विशिष्ट अथवा स्वतंत्र हो. पिछड़ा होने से मन में भी पिछड़ापन न आ जाए. विद्यर्थियों को भी संबोधित किया और कहा कि शिक्षा ही विकास की कुंजी है. इसके माध्यम से ही किसी भी क्षेत्र में उन्नति कर सकते हैं. अनुसंधान हो, चिकित्सा हो, यहां तक कि कृषि हो, सभी क्षेत्रों में शिक्षा की अहमियत हो. कृषि के क्षेत्र में विवेकशील होकर कम भूमि में अधिक ऊपज करने की विधि सीखनी होगी. बच्चे शिक्षा के माध्यम से समाज से पिछड़ापन दूर करे. वे समाज के समक्ष रोलमॉडल के रूप में स्वयं को स्थापित करें.
स्वास्थ्य ही है सबसे बड़ा धन
राज्यपाल ने कहा है कि स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है. ऐसे में सभी को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहिए. उन्होंने लोगों को नशापान से दूर रहने के लिए आह्वान करते हुए कहा कि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. राज्यपाल नयाडीह काठीकुंड स्थित कल्याण विभाग द्वारा संचालित अस्पताल का भ्रमण व निरीक्षण भी किया. निरीक्षण के क्रम में पाया कि अधिकतर महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं. वे घर में दूसरे सदस्यों का ध्यान रखते-रखते स्वयं का ध्यान रखना भूल जाती हैं. पुरुष भी सिर में चक्कर आने की बीमारी से पीड़ित होकर भर्ती हैं, ऐसे में वे अपने आहार अथवा खान-पान का ध्यान रखें और गर्म पानी पिये. उन्होंने कहा कि कुपोषण की समस्या भी इस क्षेत्र की एक गंभीर समस्या है. इसलिए महिलाओं को इस दिशा में विशेष ध्यान देने की जरूरत है, ताकि बच्चा भी स्वस्थ हो. अस्पताल भ्रमण के क्रम में वहां मरीजों से मुलाकात की तथा चिकित्सकों से उनके रोग व उपचार के संबंध में जानकारी ली.