ब्यूरो चीफ
रांची
झारखंड की बहुप्रतिक्षित एनटीपीसी नार्थ करणपुरा बिजली परियेजना का पहला चरण अगले वर्ष से शुरू हो जायेगा. 1980 मेगावाट के विद्युत प्लांट के पहले चरण में 660 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू होगा. इस परियोजना का शिलान्यास तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था. इस परियोजना के शुरू होने से झारखंड समेत, बिहार, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल को बिजली मिलेगी. भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) की देखरेख में परियोजना का काम पूरा किया जा रहा है.
झारखंड को एनटीपीसी परियोजना से 500 मेगावाट बिजली प्राथमिकता के आधार पर दी जायेगी. एयर कूल्ड कूलिंग चैंबर तकनीक पर आधारित बिजली प्लांट में 2.90 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली का उत्पादन किया जायेगा. भेल के वरीय उप महाप्रबंधक और प्रोजेक्ट हेड रवि कुमार का कहना है, कि अब पहले चरण का काम अंतिम दौर में है. पहली बार भेल की तरफ से 90 मीटर ऊंचाई वाले एयर कूल्ड चीमनी स्थापित किये गये हैं. इसमें कूलिंग टावर भी बनाया गया है, जिससे बिजली के उत्पादन में खपत में होनेवाले पानी की भी बचत होगी.
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परियोजना के लिए मगध कोल परियोजना से कोयले की आपूर्ति की जायेगी. इसमें परियोजना स्थल से लेकर कोल पिट तक कोल सप्लाई कनवेयर बेल्ट स्थापित किये जायेंगे. मगध कोल परियोजना से 78 लाख टन कोयला प्रति वर्ष यहां भेजी जायेगी. वैसे बिजली के उत्पादन में सलाना एक करोड़ टन कोयले की खपत होने की संभावना है. वहीं पानी की खपत भी 20 क्यूसेक से लेकर 40 क्यूसेक तक होगी. एनटीपीसी के वरीय अधिकारी भी इस संबंध में सभी गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं. इस परियोजना में भूमि अधिग्रहण से लेकर अन्य कार्यों में काफी अड़चनें भी आयी थी.