रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी अल्पसंख्यक विभाग की ओर से देश में बढ़ती महंगाई और पिछले 20 दिनों में रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में लगभग 100 रुपये की बढ़ोत्तरी के खिलाफ आज अनोखे अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया गया. अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शकील अख्तर अंसारी के नेतृत्व में आयोजित प्रदर्शन में पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किषोरनाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता छोटू समेत अन्य नेता-कार्यकर्ता उपस्थित थे.
रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में 100 रुपये की बढ़ोत्तरी, पेट्रोल-डीजल के मूल्यों में बेतहाषा बढ़ोत्तरी और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में हो रही निरंतर बढ़ोत्तरी के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस कमिटी अल्पसंख्यक विभाग की ओर से रांची स्थित पार्टी मुख्यालय से एबुलेंस में पुतले को अर्थी के रूप में सजा कर रखा गया और अर्थी जुलूस निकाल कर अल्बर्ट एक्का चौक के समक्ष करीब आधे घंटे तक प्रदर्शन किया. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मूल्य वृद्धि को वापस लेने तथा आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोत्तरी पर अंकुश लगाने की मांग की गयी.
प्रदेश कांग्रेस कमिटी अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष शकील अख्तर अंसारी ने कहा कि यूपीए शासनकाल में 10-15 पैसे भी पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोत्तरी होती थी, तो भाजपा सड़कों पर उतर कर नंगा नाच करती थी, लेकिन आज देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत लगभग सामान्य हो गयी और पेट्रोल की कीमत सौ रुपये के आसपास पहुंचने जा रही है, तो भाजपा नेताओं की चुप्पी उनके दोहरे चरित्र को दर्शाती है.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने बताया कि 70 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ, जब पेट्रोल-डीजल की कीमत इतनी ऊंचाई पर पहुंच गयी है और रसोई गैस की कीमतों के कारण महिलाओं के घर का बजट बिगड़ गया है. इन सबके पीछे केंद्र सरकार की गलत नीतियां जिम्मेवार है. पार्टी इस जनविरोधी नीतियों के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन चलाएगी.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि मूल्य वृद्धि रोकना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन इस दिशा में कोई काम नहीं हो रहा है. केंद्र की सरकार ने अपना जन विरोधी चेहरा एक बार फिर से उजागर किया है.
प्रदेष कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि कोरोना काल में पूरी दुनिया में कच्चे तेल की कीमतें 10 के नीचे तक चली गई थी, लेकिन इसका कोई फायदा देशवासियों को मिलने की जगह, भारत जैसे विकासशील देश में डीजल और पेट्रोल की कीमतें बराबर हो गई.