कोहिनूर इमारत मामले में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दफ्तर पहुंच गए हैं। राज ठाकरे के साथ उनके बेटे अमित और बेटी उर्वशी भी हैं। ईडी ऑफिस में राज के साथ पूछताछ कर रही है। इससे पहले महाराष्ट्र पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी थी। ईडी ऑफिस के तरफ के सभी रास्तों को खाली करा दिया गया है और आसपास के इलाकों में किसी भी तरह के गाड़ियों के आवागमन पर रोक लगा दी गई है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी के बेटे उन्मेश जोशी के स्वामित्व वाले कोहिनूर सीटीएनएल में 850 करोड़ रुपये से अधिक के आईएल एंड एफएस (IL&FS) के ऋण और निवेश की कथित अनियमितताओं की जांच कर रहा है। कोहिनूर सीटीएनएल एक रियलिटी क्षेत्र की कंपनी है जो पश्चिम दादर में कोहिनूर स्क्वॉयर टॉवर का निर्माण कर रही है।
जोशी की कंपनी और उसके निवेश पहले से ही सवालों के घेरे में हैं क्योंकि यह लगभग 135 करोड़ रुपये के आईएल एंड एफएस (IL&FS) के प्रमुख डिफॉल्टरों में से है। उन्मेश जोशी, ठाकरे और उनके सहयोगी द्वारा यह एक दशक पहले लॉन्च की गई थी। उनकी 421 करोड़ रुपये में विवादास्पद कोहिनूर मिल्स नंबर-3 खरीदने की योजना थी, लेकिन आईएल एंड एफएस ने 2008 में अचानक कथित तौर पर इस सौदे से हाथ पीछे खींच लिए और महज 90 करोड़ रुपये में अपने शेयरों को बेच दिया। बाद में राज ठाकरे भी अपने शेयर बेचने के बाद इससे बाहर निकल गए।
ईडी ने रविवार को राज ठाकरे और उनके पूर्व कारोबारी सहयोगी रहे पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और सत्तारूढ़ सहयोगी शिवसेना नेता मनोहर जोशी के बेटे उन्मेश जोशी के साथ ही एक अन्य कारोबारी सहयोगी को नोटिस जारी किया था। इस नोटिस के बाद राजनीतिक हलकों में खलबली मच गई थी। मुंबई पुलिस ने गुरुवार को एमएनएस के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने के साथ ही चार थाना क्षेत्रों में एहतियातन धारा 144 लगा दी है।
इससे पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के नेताओं के राज ठाकरे के आवास पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। मनसे नेता बाला नंदगांवकर राज ठाकरे के आवास पहुंच गए हैं। एमएनएस नेता संदीप देशपांडे को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इस दौरान संदीप देशपांडे ने दावा किया कि उन्हें कार्रवाई के बारे में सूचना नहीं दी गई थी।
उधर, राज ठाकरे को समन दिए जाने से क्षुब्ध पार्टी के एक युवा कार्यकर्ता ने खुद को आग लगाकर आत्महत्या कर ली। राज ठाकरे ने मंगलवार को ही सभी समर्थकों और कार्यकर्ताओं से व्यक्तिगत अपील की थी और कहा था कि वह हर कीमत पर शांत रहें।
मनसे के अध्यक्ष राज ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के भेजे गए सम्मन का सम्मान करेंगे। इस दौरान उन्होंने अपने समर्थकों से शांत रहने की अपील भी की। इस मुद्दे पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में ठाकरे ने सभी मनसे कार्यकर्ताओं को संबोधित करने वाले हस्ताक्षरित बयान में कहा कि मार्च-2006 में पार्टी की स्थापना के बाद से उनके और कार्यकर्ताओं के खिलाफ अनगिनत मामले दर्ज किए गए हैं।
नोटिस के बाद राज के चचेरे भाई और सत्तारूढ़ सहयोगी शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे उनके समर्थन में उतर आए। ईडी ने एक मामले की जांच के सिलसिले में राज ठाकरे को समन जारी करते हुए गुरुवार को पेश होने को कहा। उद्धव ने अपने आवास पर मीडियाकर्मियों से यह कहते हुए अपना परोक्ष समर्थन जाहिर किया कि ईडी की ओर से उनसे (राज ठाकरे से) पूछताछ में कुछ भी नहीं निकलेगा। उद्धव ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि ईडी की उनसे (राज ठाकरे) कल की जाने वाली पूछताछ से कोई नतीजा निकलेगा।”