नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल स्थित विश्व-भारती विश्वविद्यालय शांतिनिकेतन के शताब्दी समारोह के मौके पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर रहे हैं. विश्व-भारती देश का सबसे पुराना केंद्रीय विश्वविद्यालय है. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, विश्वभारती मां भारती के लिए गुरुदेव के चिंतन, दर्शन और परिश्रम का एक साकार अवतार है.
पीएम मोदी ने कहा, ‘विश्वभारती विश्वविद्यालय के 100 साल होना हर भारतवासी के लिए बहुत ही गर्व की बात है. मेरी लिए भी ये सुखद है कि आज के दिन इस तपोभूमि का पुण्य स्मरण करने का अवसर मिल रहा है.’
पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
भारत इंटरनेशनल सोलर एलायंज के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के लिए विश्व में बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है. भारत पूरे विश्व में इकलौता बड़ा देश है जो पेरिस अकॉर्ड के पर्यावरण के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सही मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ रहा है.
जब हम स्वतंत्रता संग्राम की बात करते हैं तो हमारे मन में सीधे 19-20वीं सदी का विचार आता है. लेकिन ये भी एक तथ्य है कि इन आंदोलनों की नींव बहुत पहले रखी गई थी. भारत की आजादी के आंदोलन को सदियों पहले से चले आ रहे अनेक आंदोलनों से ऊर्जा मिली थी.
विश्व-भारती देश का सबसे पुराना विश्वविद्यालय
गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के 1921 में स्थापित विश्व-भारती देश का सबसे पुराना केंद्रीय विश्वविद्यालय भी है. मई 1951 में संसद के एक अधिनियम के विश्व-भारती को एक केंद्रीय विश्वविद्यालय और ‘राष्ट्रीय महत्व का संस्थान’ घोषित किया गया था. इस विश्वविद्यालय ने गुरुदेव टैगोर के विकसित शिक्षाशास्त्र का अनुसरण किया लेकिन धीरे-धीरे यह उस प्रारूप को अपनाया जिसमें कोई आधुनिक विश्वविद्यालय विकसित होता है. प्रधानमंत्री इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह को भी संबोधित किया था. उन्होंने अपने इस संबोधन में कहा था कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एक छोटे भारत की तरह है.