रांची
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड संभावनाओं से भरा प्रदेश है. निवेशक राज्य के प्रत्येक सेक्टर में निवेश कर अपनी आमदनी के साथ-साथ यहां के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराएं यह सरकार का लक्ष्य है. राज्य गठन के बाद से ही सरकार ने विभिन्न सेक्टर में 18 नई पॉलिसी बनाई. झारखंड की इंडस्ट्रियल पॉलिसी पूरे देश में सराहनीय रहा है. सरकार ने झारखंड बीपीएम/बीपीओ नीति 2016 का सृजन किया. आज हमारी नीतियों से प्रेरित होकर देश-विदेश के कई जाने-माने उद्योगपति झारखंड में निवेश कर रहे हैं. सबसे अधिक निवेश वस्त्र उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण, ऑटो कॉम्पोनेंट और कृषि के क्षेत्र में हो रहे हैं. गुरूवार को जुडिशियल एकेडमी धुर्वा रांची में आयोजित बीपीएम/ बीपीओ सम्मिट 2019 को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने ये बातें कहीं.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि टीम झारखंड की मेहनत और ईमानदार छवि के चलते ही हम आगे बढ़ रहे हैं. राज्य सरकार की अच्छी पॉलिसी का ही परिणाम रहा है कि झारखंड की छवि में सुधार हुआ है. हर पॉलिसी जनहित के लिए बनाई जा रही है. यहीं कारण है कि हर सेक्टर में निवेश हो रहा है और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पावर सेक्टर के क्षेत्र में काफी निवेश हो रहा है. राज्य में 3 मेगा पावर प्लांट लगाये जा रहे हैं, जिसमें 45000 करोड़ का निवेश हो रहा है. उन्होंने कहा कि पुरानी बंद पड़ी इकाइयों को पुनर्जीवित किया जा रहा है. 107 ऐसे पुरानी बंद पड़ी इकाइयां थी, जिनको फिर से चालू किया गया. आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया में भी जो भी पुरानी बंद इकाइयां थी उन्हें पुनर्जीवित किया गया है. पिछले साढ़े चार वर्ष में नये उद्योगों में प्रत्यक्ष रोजगार के रूप में 72000 लोगों को नौकरी मिली है.
एग्रीकल्चर, इंडस्ट्री और सूचना प्रौद्योगिकी सरकार की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि एग्रिकल्चर, इंडस्ट्रीज एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य सरकार की प्राथमिकता है. बड़े-बड़े कल कारखानों में मशीनीकरण की वजह से श्रमिककरण में कमी आई है. इस कमी को आईटी सेक्टर में ही रोजगार उपलब्ध कराकर पूरा किया जा सकता है. झारखंड में विहीन आईटी का विस्तार कर युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार दिया जा रहा है.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास का सीधा संबंध रोजगार से है. बेरोजगारी राज्य की ही नहीं बल्कि देश की बड़ी समस्या है. राज्य से बेरोजगारी दूर करना मेरा लक्ष्य है. हर हाथ को हुनर और हर हाथ को काम देना सरकार का उद्देश रहा है. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में हम चौथे स्थान पर हैं. पूरे देश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में झारखंड अव्वल राज्य बने यह हम सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए. लेबर रिपोर्ट्स में भी झारखंड अग्रणी राज्यों में शुमार है. राज्य सरकार द्वारा श्रम नियम में संशोधन किया गया है. अब महिलाएं भी 24 घंटे में रात वाले शिफ्ट में भी काम कर सकेंगी.
उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान ज्ञान, विज्ञान और तकनीक पर है. समय के साथ आगे बढ़ना जरूरी है. नई-नई तकनीक को बदलते समय के साथ नहीं अपनाएंगे तो चीजें समय के साथ आगे नहीं बढ़ पाएंगी. इसी को ध्यान में रखते हुए बीपीएम/बीपीओ नीति 2016 बनाया गया. उन्होंने कहा कि बीपीओ/बीपीएम एवं आईटी सेक्टर उद्योग के विकास के लिए राज्य में DoP (उत्पादन की तिथि) के लिए SoP (Standard operating Procedure) को बनाया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि आईटी के बेहतर उपयोग होने से शासन और जनता के बीच की दूरियां कम हुई हैं. जनता की मूलभूत सुविधाओं को आईटी के माध्यम से ही उपलब्ध कराया जा रहा है. जनता की समस्याओं का निदान आईटी से सुलभ हुआ है.
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उन्होंने कहा कि आई गवर्नेंस के माध्यम से गांव में ही लोगों को सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में बीपीओ एवं बीपीएम के माध्यम से जन सेवा का मौका मिल रहा है. मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल ने कहा कि राज्य सरकार की इंडस्ट्रियल पॉलिसी एवं बीपीओ/बीपीएम पॉलिसी के संबंध में विस्तृत जानकारी दी.
आईटी विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का ने एडवांटेज झारखंड के संबंध में सभी सेक्टर के कार्य योजनाओं को बताया. इस अवसर पर उद्योग सचिव के रवि कुमार, एसटीपीआई के महानिदेशक ओंकार राय, आईटी निदेशक उमेश प्रसाद साह, नैसकॉम के परेश देगांवकर सहित विभिन्न बीपीओ/बीपीएम के प्रतिनिधि आईटी सेक्टर से जुड़े विशेषज्ञ एवं बड़ी संख्या में युवक युवतियां उपस्थित थे.