धनबाद: ईस्ट सेंट्रल रेलवे (ECR) के धनबाद रेल मंडल के कोचिंग डिपो ने कबाड़ सामान से ऐसा उपकरण विकसित किया है जो देशभर में रेलवे के लिए बहुत मददगार साबित हो सकता है. इसे ओवरचार्ज प्रोटेक्शन डिवाइस का नाम दिया गया है. इससे समय रहते ही ट्रेन के कोचों में उत्पन्न होने वाले ब्रेक बाइडिंग को रोका जा सकेगा.
धनबाद कोचिंग डिपो के अधिकारी मुकुंद बिहारी और उनकी टीम की ओर से विकसित ओवरचार्ज प्रोटेक्शन डिवाइस को ईस्ट सेंट्रल रेलवे के सभी पांच रेल मंडलों में अपना लिया है. ईस्ट सेंट्रल रेलवे की ओर से इस तकनीक को मंजूरी के लिए रेलवे बोर्ड को भेजा जा रहा है.
क्या होती है ब्रेक बाइडिंग?
ब्रेक बाइंडिंग का मतलब होता है जब ट्रैक पर कोचों के चलते ब्रेक में गड़बड़ी होती है और पहिए लॉक हो जाते हैं, जिससे ट्रेन के पटरी से उतरने या हादसे की भी स्थिति आ सकती है. इससे ट्रैक को भी काफी नुकसान हो सकता है. ओवरचार्ज प्रोटेक्शन डिवाइस से कोच के पहियों में आने वाली किसी भी समस्या की समय रहते ही पहचान की जा सकेगी.
कैसे काम करेगी ओवरचार्ज प्रोटेक्शन डिवाइस
ट्रेनों में आए दिन ब्रेक बाइंडिंग की समस्या कई कारणों से आती रहती है. ब्रेक ब्लॉक की वजह से पहिए बंध जाते हैं. इसकी जांच और नियंत्रण के लिए ट्रेनों में ब्रेकिंग सिस्टम के ब्रेन माने जाने वाले डिस्ट्रीब्यूटर वॉल्व (डीवी) की बारीकी से जांच की आवश्यकता होती है. इस जांच के लिए डीवी टेस्ट बेंच का होना जरूरी है. डीवी टेस्ट बेंच की कीमत 15 से 20 लाख रुपये तक है. परंतु धनबाद रेल मंडल के कोचिंग डिपो के स्टाफ ने डिपो में उपलब्ध बेकार सामान से ही ओवरचार्ज प्रोटेक्शन डिवाइस विकसित करने में कामयाबी पाई. इससे कहीं भी खामी वाले कोच की पहचान की जा सकेगी. ऐसे में अब डीवी टेस्ट बेंच की आवश्यकता नहीं होगी.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस डिवाइस के इजाद होने से अब तक रेलवे को दो करोड़ की बचत हुई है. धनबाद मॉडल पर ईस्ट सेंट्रल रेलवे के सभी मंडल के डिपो में ओवरचार्ज प्रोटेक्शन डिवाइस का इस्तेमाल शुरू हो गया है.
डिवाइस विकसित करने वाली टीम की सराहना
धनबाद कोचिंग डिपो की टीम को इस डिवाइस के लिए खूब सराहना मिल रही है. रेलवे कैरेज एंड वैगन विभाग की इस टीम को ईसीआर जीएम ललित चंद्र त्रिवेदी ने नकद प्रोत्साहन के साथ ग्रुप अवार्ड भी दिया है. इस साल धनबाद कोचिंग डिपो को मिलने वाला यह तीसरा अवार्ड है.
इससे पहले यहां के कर्मचारियों ने कबाड़ से थर्मल स्कैनर तैयार कर जीएम अवार्ड हासिल किया था. सीनियर डीएमई (कोचिंग) अभिनव कुमार राय के नेतृत्व में कोचिंग डिपो अधिकारी मुकुंद बिहारी, सीनियर सेक्शन इंजीनियर आरके दत्ता की टीम की उपलब्धि की रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी तारीफ की है.