संगठन की बागडोर दीपक प्रकाश को मिली, बाबूलाल मरांडी की हुई पार्टी में हुई वापसी
रांची: वर्ष 2020 में प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में भी कई उथल-पुथल को देखने को मिले. वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में अपेक्षित सफलता नहीं मिलने पर जहां एक ओर संगठन में व्यापक फेरबदल देखने को मिला, वहीं वर्षां तक बीजेपी से अलग रहे पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की घर वापसी हुई.
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सिंहभूम से खुद चुनाव हार जाने के बाद पूर्व सांसद लक्ष्मण गिलुवा के नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव हुआ, लेकिन चुनाव परिणाम के तुरंत बाद से संगठन में व्यापक फेरबदल देखने को मिला. विद्यार्थी परिषद से लेकर अब तक में संगठन में साधारण कार्यकर्त्ता और प्रदेश बीजेपी विभिन्न पदों पर काम करने वाले दीपक प्रकाश को संगठन को महत्वपूर्ण जिम्मेवारी मिली.
वहीं एक दशक से अधिक समय से बीजेपी से अलग रहे पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की घर वापसी भी हो गयी. बाबूलाल मरांडी और दीपक प्रकाश की जोड़ी को संगठन को मजबूत बनाने और सत्ता में पुनर्वापसी के लिए संघर्ष की रणनीति तय करने की जिम्मेवारी मिली.
इस बीच प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश पर केंद्रीय नेतृत्व ने एक और जिम्मेवारी सौंपते हुए उन्हें राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया और वे आसानी से चुनाव जीत कर राज्यसभा पहुंचने में सफल रहे.
दूसरी तरफ बाबूलाल मरांडी की पार्टी में वापसी के बाद विधायक दल की हुई बैठक में उन्हें सर्वसम्मति से झारखंड विधानसभा में बीजेपी विधायक दल का नेता भी चुन लिया गया और विधानसभा अध्यक्ष से बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा दिये जाने का आग्रह किया गया. लेकिन झारखंड विकास मोर्चा विधायक के रूप में चुनाव जीतकर आये बाबूलाल मरांडी के खिलाफ अभी स्पीकर के न्यायाधिकरण में दल-बदल मामले की सुनवाई हो रही है, वहीं स्पीकार के इस फैसले को बीजेपी की ओर से झारखंड उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी.