बिहार के बाहुबली विधायक अनंत सिंह के दिल्ली के साकेत कोर्ट में सरेंडर करने के बाद एक बार फिर ये सवाल उठ रहा है कि आखिर क्यों यूपी और बिहार के बाहुबली विधायक, सांसद और बदमाश दिल्ली की अदालतों में ही सरेंडर करना मुनासिब समझते है। ऐसा क्या कारण है कि उन प्रदेशों की पुलिस उन तक पहुंच भी नहीं पाती है और वो सीधे दिल्ली की अदालत में सरेंडर करने के बाद जेल चले जाते हैं और वहां सुरक्षित जीवन बिताने लगते है।
यूपी, हरियाणा और बिहार के एक दर्जन से अधिक बदमाश अब तक दिल्ली की अलग-अलग अदालतों में सरेंडर कर चुके हैं। कई बार ये बातें भी सामने आ चुकी है कि यूपी और बिहार के बदमाशों की दिल्ली पुलिस की स्पेशल स्टाफ के कुछ अधिकारियों से साठगांठ रहती है इस वजह से वो अपने यहां उनका सरेंडर करा देते हैं। बदले में बदमाश कंपनी उनकी कई तरह से लाभ भी पहुंचाती है। दिल्ली और यूपी पुलिस के कुछ बडे़ अधिकारी इन बाहुबली बदमाशों के दिल्ली में सरेंडर करने के अलग-अलग कारण भी बताते हैं।
दिल्ली पुलिस के पास यूपी और बिहार के बदमाशों का कच्चा चिट्ठा नहीं होता है इस वजह से उनको अपने यहां सरेंडर कराने में बहुत अधिक मशक्कत नहीं करानी पड़ती है, यदि यहां पर भी उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज हों तो सरेंडर कराना आसान नहीं होता। मगर अभी तक यही देखने में आया है कि जो बदमाश यहां की अदालत में सरेंडर करते हैं उनके खिलाफ यहां पर कोई भी बड़ा मुकदमा दर्ज नहीं होता है।
यूपी और बिहार के बदमाशों का कच्चा चिट्ठा और उनके काले कारनामों की लंबी लिस्ट दिल्ली पुलिस के पास नहीं होती है, इस वजह से उनका यहां पर सरेंडर करना आसान होता है। इसके अलावा एक बड़ा कारण ये भी है कि इन बदमाशों के पास दिल्ली में कोई मुकदमा दर्ज नहीं होता है, वो यहां पर आसानी से सरेंडर करने के बाद जेल जाकर वहां पर जीवन बिताते हैं। यदि वो अपने राज्य में सरेंडर करें तो वहां की पुलिस उनका एनकाउंटर भी कर सकती है, इसके अलावा उनको अपने राज्य की कानून व्यवस्था पर भी अधिक भरोसा नहीं होता है, इस वजह से वो दिल्ली का रुख करते हैं।
जिन राज्यों के बदमाश होते हैं वहां के पुलिस रिकार्ड में उनका नाम दर्ज होता है, वो वहां पर अपने को असुरक्षित महसूस करते है। इस वजह से वो दूसरे राज्यों में सरेंडर करने की प्लानिंग करते हैं, यदि किसी बाहुबली की सरेंडर करने की प्लानिंग फेल हो जाती है तो ये उसकी प्लानिंग की कमी होती है, अन्यथा सभी आराम से सरेंडर कर पाते हैं।
यूपी और बिहार में सरकारें बदलने के बाद अब वहां की सरकारें काफी सख्त हो गई है। आए दिन बदमाशों के सरेंडर हो रहे है। वो इससे घबराए होते है। इस वजह से वो वहां की पुलिस से भी बचना चाहते हैं। जब सरेंडर करना होता है तो दिल्ली का रुख करते है। यहां उनके खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं होता वो आसानी से सरेंडर कर पाते हैं। सरेंडर करने के बाद वो आसानी से जेल चले जाते हैं और वहां सुरक्षित रहते है इसके अलावा यहां पर हर स्तर की जूडिशरी मौजूद है। मीडिया भी यहां बहुत एक्टिव रहता है। सभी लोग सचेत रहते हैं इस वजह से बदमाशों और बाहुबलियों के लिए यहां सरेंडर करना हर तरह से मुनासिब रहता है।
बिहार पुलिस मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह को गिरफ्तार करने के लिए सरगर्मी से तलाश करती रह गई, उधर वो दिल्ली के साकेत कोर्ट पहुंच गए और वहां सरेंडर कर दिया। बिहार के कोर्ट में अनंत सिंह के सरेंडर की अफवाह गुरुवार को ही सामने आयी थी। विधायक के सरेंडर करने को लेकर यहां बिहार पुलिस अलर्ट रही, पुलिस उनको गिरफ्तार करने के लिए पटना कोर्ट के बाहर नजर रख रही थी लेकिन वे दिल्ली के साकेत कोर्ट सरेंडर करने पहुंच गए। अनंत सिंह ने बिहार के किसी कोर्ट को छोड़कर दिल्ली के साकेत कोर्ट को चुना और शुक्रवार की दोपहर बाद वहां पहुंचकर सरेंडर कर दिया। अब उसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में लिया जाएगा।
अनंत सिंह 17 अगस्त से ही फरार चल रहे थे। विधायक के पैतृक गांव नदवां में AK-47 और 2 हैंड ग्रेनेड मिलने के बाद UAPA एक्ट के तहत बाढ़ थाने में FIR दर्ज की गई थी। इस मामले में पुलिस लगातार उन्हें तलाश रही थी। लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी थी। अनंत सिंह ने फरारी के दौरान ही तीन वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने न्यायालय पर भरोसा जताते हुए कहा था कि वो सरेंडर करेंगे। कहा था कि उन्हें बिहार पुलिस पर भरोसा नहीं है। अनंत सिंह ने पुलिस पर आरोप लगाया था कि उन्हें साजिश के तहत फंसाने का काम कर रही है। उन्होंने पुलिस के अलावा कुछ राजनेताओं पर भी साजिश कर फंसाने का आरोप लगाया था।
पुलिस ने बाहुबली विधायक अनंत सिंह के पैतृक गांव नदवां स्थित घर से छापेमारी में एके-47 के साथ 2 हैंड ग्रेनेड की बरामदगी की थी। अवैध हथियार की बरामदगी के बाद विधायक और केयर टेकर के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था। केस दर्ज होने के बाद पुलिस देर रात विधायक अनंत सिंह को गिरफ्तार करने बड़ी संख्या में उनके पटना स्थित सरकारी आवास पहुंची थी। तब तक विधायक एक माल रोड स्थित सरकारी आवास छोड़ फरार हो चुके थे। पुलिस की कई टीम विधायक को खोजने के लिए खाक छान रही थी और अनंत सिंह ने अब तक पुलिस को चुनौती देते हुए एक-एक कर तीन वीडियों जारी किया था। इस वीडियो में मोकामा विधायक ने पुलिस के सामने सरेंडर करने से साफ इनकार कर दिया था। अंतिम वीडियो में बाहुबली विधायक ने स्पष्ट किया कि पुलिस के बजाए कोर्ट में सरेंडर करेंगे।
मुन्ना बजरंगी, अनिल दुजाना व सुंदर भाटी समेत कई गैंगों के बदमाशों ने बड़ी वारदातों को अंजाम देने के बाद दिल्ली पुलिस के सामने सरेंडर किया है। यहां तक की कई ने एनकाउंटर के डर से भी सरेंडर किया था। यूपी, बिहार और हरियाणा के दर्जनों बदमाश और बाहुबली विधायक अपने यहां की पुलिस के सामने सरेंडर नहीं करते हैं। अक्सर यही देखने में आया है कि इन राज्यों के बाहुबली बदमाश, नेता दिल्ली में ही सरेंडर करने की गणित बिठा लेते हैं। इसमें उनकी दिल्ली पुलिस के अधिकारियों से अच्छी सेटिंग भी मानी जाती है। पुलिस इन बदमाशों का सरेंडर कराने के बाद समय-समय पर उनका इस्तेमाल करती है। जब वो दिल्ली पुलिस की मदद करते हैं तो बाद में अपना जीवन बचाने के लिए दिल्ली पुलिस की भी मदद लेते हैं।
यूपी, बिहार और हरियाणा जैसे राज्यों में हजारों और लाखों के इनाम वाले बदमाश हमेशा ही दिल्ली की अदालतों में सरेंडर करना पसंद करते हैं। दरअसल दिल्ली पुलिस इन तीनों राज्यों में बदमाशों से अपने नेटवर्क को मजबूत करने के लिए कहीं न कहीं इन बदमाशों के संपर्क में रहती है। कई बार दिल्ली में अपराध करने के बाद बदमाश भागकर इन राज्यों के बाहुबलियों के अड्डे पर ही शरण लेते हैं। तब पुलिस को इनकी मदद की जरुरत पड़ती है। ऐसे मौकों पर बदमाश पुलिस की मदद करते है। इसी वजह से जब बदमाशों को अपनी जिंदगी बचानी होती है या अपने किसी साथी का सरेंडर कराना होता है तो वो दिल्ली पुलिस की मदद लेते हैं। पुलिस वहां आराम से इनका सरेंडर करवा देती है।