भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली मैदान पर काफी आक्रामक नजर आते हैं लेकिन आपको हैरानी होगी कि वह नेट्स पर अभ्यास के दौरान डरते हैं। वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाज सर विवियन रिचर्डस के साथ बातचीत के दौरान विराट ने खुद ही यह जानकारी देते हुए कहा कि उन्हें नेट अभ्यास काफी असुविधाजनक लगता है।
विराट कोहली ने विव रिचर्ड्स से बातचीत के दूसरे भाग में कहा कि मैंने यह बात कई बार अनुभव की, जहां पिच तेज और उछाल भरी होती थी, नेट्स में भी जब आप खेल रहे होते हो तो मुझे भरोसा है कि आप अभ्यास पर नहीं जाते होंगे और यूं ही बल्लेबाजी अभ्यास करते होंगे। उन्होंने कहा कि आप इस भरोसे से अभ्यास करते होंगे कि मैं अपने गेंदबाजों के साथ खेलूंगा, खड़ा रहूंगा और आउट नहीं होकर लौटूंगा। एक भी गेंद किनारे से नहीं लगेगी और हर गेंद को बल्ले के बीच (मिडिल) से हिट करूंगा।
रिचर्डस ने कहा कि यही मेरी सोच है, आप जाते हैं और आउट होने से बचने की कोशिश करते हैं, लेकिन मैंने हमेशा नेट्स में अपने लिए एक अनजाना सा डर देखा और मैं कभी खुलकर नहीं खेल सका। इस पर विराट ने जवाब दिया कि यही बात मेरे साथ भी नेट पर अभ्यास के दौरान होती है, मैं भी सोचता हूं कि ऐसा कैसे हो सकता है और इसी वजह से मैंने सेंटर विकेट पर खेलने को प्राथमिकता दी जो गेंदबाजों के खिलाफ खुला रहे और उसमें फील्डर भी हों ताकि मैं मैच की तरह सोच सकूं।
कप्तान विराट कोहली ने अभ्यास के दौरान ‘दिमाग में वहां की परिस्थितियों को लेकर खाका तैयार करने’ पर जोर देते हुए कहा इसने 2014-15 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उनकी सफलता में बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद, मैं इंग्लैंड गया था और वह दौरा काफी बुरा रहा था इसके बाद ऑस्ट्रेलिया का दौरा था जो और भी ज्यादा चुनौतीपूर्ण होता है। ऐसे में दिमाग में दौरे की योजना बनाने से मुङो काफी मदद मिली। उन्होंने कहा कि दौरे से तीन महीने पहले ही मैंने सोचना शुरू कर दिया था कि मुङो किन गेंदबाजों का सामना करना हैं और उनके खिलाफ प्रभुत्व कायम करूंगा। मैंने सोचा था कि उन पर दबाव बनाऊंगा, मैंने जो योजना तैयार की थी उस पर विश्वास था।