सामने आयी कुछ खामियां को समय पर ठीक कर लेने का भरोसा
रांची: कोविड-19 वैक्सीन को लेकर देशभर के सभी जिलों में 8 जनवरी को एकदिवसीय रिहर्सल झारखंड में भी सफल रहा. इस दौरान कुछ खामियां सामने आयी, जिसे समय पर ठीक कर लेने की बात कही गयी है.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस अभियान को लेकर कई चीजों को समझने-जानने का अवसर मिला, चेन को सुदृढ़ करने में कुछ कमियां रही हैं, उसे भी ठीक कर लिया जाएगा. ड्राइ रन को लेकर जिलों से रिपोर्ट राज्य मुख्यालय रिपोर्ट मंगायी जा रही है और इसकी समीक्षा भी शुरू है. साथ ही वैक्सीनेटर को प्रशिक्षण देने का कार्य लगातार जारी है.
ड्राई रन का मकसद है कि अभियान में आने वाली चुनौतियों की पहचान की जा सके और योजना तथा क्रियान्यवन के बीच की कड़ियों को परखा जा सके. इसके तहत देखा जाएगा कि स्वास्थ्यकर्मी किस हद तक तैयार हैं और उनमें किसी भी तरह की ट्रेनिंग की कमी तो नहीं है. इसके साथ ही सुविधाओं का भी आकलन हो सकेगा. इसमें ये भी देखा जाएगा कि वैक्सीन को स्टोरेज से टीकाकरण केंद्र तक लाने में कितना वक्त लग रहा है.
राज्य में सबसे पहले लगभग 1.5 लाख हेल्थ केयर वर्कर्स का कोरोना टीकाकरण होगा. इनमें आंगनबाड़ी सेविकाएं भी शामिल होंगी. इसके बाद राज्य और केंद्र सरकार के पुलिस जवानों, सशस्त्र बल, होमगार्ड, जेल कर्मचारी, आपदा प्रबंधन समन्वयक, नागरिक सुरक्षा संगठन, नगरपालिका कर्मी और राजस्व अधिकारियों के रूप में कार्य कर रहे फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया जाएगा. इसके लिए लगभग दो लाख लाभार्थियों को चिन्हित किया गया है.
इसके बाद 50 साल से ज्यादा उम्र के लगभग 62.97 लाख लोगों को टीका लगेगा. जबकि 50 साल से ज्यादा उम्र वाले वैसे लोग जो मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर और फेफड़े के रोग से ग्रसित हैं, उन्हें टीकाकरण अभियान में शामिल किया जाएगा. इनकी अनुमानित संख्या लगभग लगभग 33.42 लाख है. यानी लगभग एक करोड़ लोगों को टीका लगाने की तैयारी की जा रही है.
पूरे राज्य में 275 वैक्सीन भंडार बनाए गए हैं. इसमें राज्य स्तर पर एक और दो क्षेत्रीय वैक्सिन भंडार हैं. इसके अलावा सभी 24 जिलों में 1-1 और 248 सामूहिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में वैक्सिंग भंडार बनाए गए हैं.
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने बताया है कि कोरोना टीकाकरण एवं शीत श्रृंखला प्रबंधन को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय संचालन समिति और जिलों में उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय संचालन समिति का गठन किया गया है. इसके अलावा सभी उपायुक्त के माध्यम से गोल्ड चेन प्वाइंट्स के निरीक्षण का कार्य अंतिम चरणों में है.