दिल्ली: शुल्क लिए जाने के बाद भी रिटायर्ड शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधाएं नहीं मुहैया कराए जाने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को दिल्ली के तीनों नगर निगमों को फटकार लगाई. हाईकोर्ट ने इस मसले पर उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के रवैये को निराशाजनक बताते हुए कहा कि पूर्व कर्मचारियों के इलाज का बिल का भुगतान लंबे समय से लंबित है.
चीफ जस्टिस डी.एन. पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने कहा कि नगर निगमों से पूछा कि जब किसी निजी अस्पतालों से उनका कैशलैस चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए कोई समझौता नहीं है तो वे इसके लिए शुल्क कैसे ले सकते हैं. बेंच ने नगर निगमों से लंबे समय से कर्मचारियों के पेंशन का भुगतान नहीं किए जाने के बारे में भी सवाल किया. इसके साथ ही, हाईकोर्ट ने तीनों नगर निगमों को नोटिस जारी करते हुए पूर्व शिक्षकों सहित सभी कर्मचारियों और उनके आश्रितों के लिए कैशलैस चिकित्सा सुविधा के बारे में हलफनामा दाखिल कर विस्तृत जवाब देने को कहा है.
मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है, ऐसे में उसे (सरकार) पक्षकार से हटाया जाए. हालांकि, हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह मामले में पक्षकार बनी रहे, लेकिन सरकार से जवाब नहीं मांगा है. इससे पहले नगर निगमों ने कहा कि पूर्व कर्मचारियों के इलाज के बिल का भुगतान वह बेहतर तरीके से कर रहे हैं.
हाईकोर्ट ने यह आदेश अखिल दिल्ली प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से वकील रंजीत शर्मा द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर दिया है. याचिका में रिटायर्ड शिक्षकों सहित सभी पूर्व कर्मचारियों को कैशलैस चिकित्सा सुविधाएं देने की मांग की गई है.
याचिका में कहा गया कि तीनों नगर निगम इसके लिए शुल्क लेने के बाद भी कैशलैस चिकित्सा सुविधा नहीं दे रहे हैं. याचिका में कहा गया है कि पूर्व कर्मचारियों से तीनों नगर निगम कैशलैस चिकित्सा सुविधा के लिए हर माह प्रीमियम ले रहा है, बावजूद इसके अब तक यह सुविधाएं बहाल नहीं की गई हैं.
याचिका में कहा गया है कि इलाज कराने के लिए लोगों को पहले पैसा देना पड़ रहा है और बाद में इसका भुगतान नगर निगम करती है. साथ ही कहा है कि नगर निगम इलाज के बिल के भुगतान में भी काफी वक्त लगा देती है. याचिका में कहा गया है कि कोरोना के दौरान पूर्व कर्मचारियों को कैशलैस चिकित्सा सुविधाएं नहीं होने और पेंशन भी समय से नहीं मिलने की वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.