दीपक
रांची
झारखंड सरकार के चार सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों समेत राज्य के 16 इंजीनियरिंग कॉलेजों की सीटें इस वर्ष भी खाली रह गयी हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों को एक अगस्त तक शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरा करने का आदेश दिया था. राज्य का सबसे प्रीमियर शैक्षणिक संस्थान BIT सिंदरी के 680 सीटों में से अब भी 115 से 160 सीटें खाली हैं. वहीं तीन राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज दुमका, रामगढ़ और चाईबासा की 900 में से 50 फीसदी सीटें भी नहीं भर पायी हैं. कमोबेश यही स्थिति राज्य में स्थापित 12 निजी इंजीनियरिंग कालेजों की भी है. वहां पर झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (JCECEB) की काउंसलिंग के बाद भी अधिकतर सीटें खाली रह गयी. राज्य सरकार की तरफ से सीटों में दाखिला लेने की प्रक्रिया ओपेन किये जाने के बाद भी स्टूडेंट्स राज्य के इंजीनियरिंग कालेजों में नहीं आ पाये.
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BIT सिंदरी के निदेशक डीके सिंह ने बताया कि हमारे यहां 115 सीटें खाली हैं. उनके अनुसार 12 अगस्त तक 200 सीटें खाली पड़ी थीं. इस पर JCECEB के अधिकारियों का कहना है कि BIT में सभी ट्रेडों की 160 सीटें खाली रह गयी हैं. राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज रामगढ़ में तीन सौ सीटों में से 110 से अधिक सीटें खाली हैं. राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज दुमका में 150 सीटें खाली हैं, वहीं चाईबासा में 195 सीटें अब भी खाली हैं. रामगढ़, दुमका और चाईबासा इंजीनियरिंग कॉलेज को पीपीपी मोड पर कोलकाता की कंपनी टेक्नो इंडिया चला रही है. राज्य सरकार की फ्री सीटें भी यहां भर नहीं पायी है.
अब दोषारोपन कोलकाता की UMC टेक्नोलाजी पर
उच्चतर और तकनीकी शिक्षा निदेशक अरुण कुमार ने बताया कि पहली बार सरकार की तरफ से ऑनलाइन काउंसेलिंग करायी गयी. इसकी वजह से अधिकतर गलतियां हुई हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद को सभी कॉलेजों ने खाली सीटों के आंकड़े भेजे हैं. यह हमारे पास नहीं हैं. उन्होंने कहा कि JCECEB की तरफ से कोलकाता के UMC टेक्नोलाजी को ऑनलाइन काउंसेलिंग कराने का जिम्मा दिया गया था. इस बार मेडिकल, इंजीनियरिंग, पोलिटेक्निक और अन्य काउंसेलिंग में भारी गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं. ऑनलाइन काउंसेलिंग की वजह से ही BIT सिंदरी में दाखिला लेने के बाद भी 48 छात्रों का नामांकन रद्द करना पड़ा, इसकी जांच चल रही है.
राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों की स्थिति
इंजीनियरिंग कॉलेज कुल सीटें खाली रह गयी सीटें
बीआइटी सिंदरी 680 115-160
सीआइटी टाटीसिलवे 390 50 फीसदी सीटें
रामगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज 300 50 फीसदी से अधिक
दुमका इंजीनियरिंग कॉलेज 300 150 सीटें
चाईबासा इंजीनियरिंग कॉलेज 300 195 सीटें
बीए कालेज ऑफ इंजीनियरिंग —– —-
नीलय एजुकेशनल ट्रस्ट 540 अधिकारियों ने कहा जानकारी नहीं
गुरु गोविंद सिंह एजु. सोसाइटी 360 50 फीसदी सीटें
केके कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग 420 —
मेरीलैंड इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी 225 40 से 50 फीसदी
रामचंद्र चंद्रवंशी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी 300 60 फीसदी
आरटीसी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालाजी 360 40-50 फीसदी
आरवीएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग 540 40 फीसदी से अधिक
यूसेट हजारीबाग 540 50 फीसदी सीटें