पटना मेट्रो 2024 तक पटरी पर आ जाएगी। बिहार का सपना जापान पूरा करेगा। जापान पटना मेट्रो के निर्माण के लिए लोन देगा। मेट्रो दौड़ाने के लिए जापान की वित्तीय संस्था जाइका (जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी) लोन देगी। पीएमआरसी (पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन) बोर्ड की हुई महत्वपूर्ण बैठक में लोन देने पर मुहर लग गई। एमआरसी बोर्ड ने 2024 तक मेट्रो का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य तय किया है।
डीएमआरसी ने सबसे सस्ती दर पर पटना मेट्रो के निर्माण की मंजूरी दे दी है। बोर्ड के सीएमडी की मानें तो 511 करोड़ रुपये लेकर डीएमआरसी पटना मेट्रो के निर्माण को अमलीजामा पहनाएगी। बोर्ड तीनों प्रस्ताव को शीघ्र ही नगर विकास एवं आवास विभाग को भेजेगा। इसके बाद कैबिनेट से मंजूरी लेने की कवायद शुरू होगी। बोर्ड की बैठक में निदेशक संजय दयाल के अलावा भवानी नंदन, विनोदानंद झा और पंकज कुमार उपस्थित थे।
पीएमआरसी बोर्ड के सीएमडी (अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक) चैतन्य प्रसाद की अध्यक्षता में हुई बैठक में तीन महत्वपूर्ण एजेंडों पर निर्णय लिया गया। इसमें पटना मेट्रो निर्माण की जिम्मेदारी डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन) को सौंपने की मंजूरी प्रदान की गई। इसके अलावा जाइका से लोन और मेट्रो के लिए 30 कर्मियों की नियुक्ति से संबंधित प्रस्ताव पर सहमति बनी।
पीएमआरसी के लिए 191 पद सृजन संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी मिली है, लेकिन तत्काल 30 पदों नियुक्ति की सहमति बनी है। इसके लिए शीघ्र ही लोक वित्त समिति के समक्ष प्रस्ताव भेजने की तैयारी है। खास बात कि जाइका ने लोन की राशि ट्रांसफर करने के 12 वर्ष बाद वापसी किस्त शुरू करने की छूट दी है। पीएमआरसी को 40 वर्षों में पूरा लोन लौटना होगा। जाइका ने 0.2 फीसद ब्याज दर तय की है।
डीएमआरसी ने पांच वर्ष में पीएमआरसी के दोनो कॉरिडोर का काम पूरा करने का भरोसा दिया है। शीघ्र ही डीएमआरसी से करार (एमओयू) की तैयारी है। बोर्ड निदेशक संजय दयाल ने बताया कि डीएमआरसी को देश में सर्वाधिक मेट्रो निर्माण का अनुभव है। इसी आधार पर इसे काम देने का निर्णय किया गया है। अभी तक डीएमआरसी दिल्ली के अलावा लखनऊ, जयपुर, चेन्नई, नोएडा, कोच्ची, बेंगलुरू, नागपुर और मुंबई मेट्रो निर्माण को सफलता पूर्वक अमलीजामा पहना चुका है।
पटना मेट्रो के अंतर्गत दो कॉरिडोर बनाए जाएंगे। पहला कॉरिडोर दानापुर से मीठापुर 16.94 किलोमीटर का होगा तो दूसरा कॉरिडोर पटना जंक्शन से लेकर न्यू आईएसबीटी तक 14.45 किलोमीटर का होगा।
पहला कॉरिडोर- इस रूट में सगुना मोड़, आरपीएस मोड़, पाटलीपुत्रा, राजा बाजार, पटना जू, विकास भवन, हाईकोर्ट, पटना स्टेशन, मीठापुर आदि मेट्रो स्टेशन होंगे।
दूसरा कॉरिडोर- इस रूट में पटना जंक्शन, आकाशवाणी, गांधी मैदान, पीएमसीएच, राजेंद्र नगर, नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल, कुम्हरार, गांधी सेतु, आईएसबीटी आदि मेट्रो स्टेशन होंगे।
मेट्रो पॉलिसी के अनुसार एनआईटी पटना ने कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान और अल्टरनेटिव एनालिसिस प्लान तैयार किया है। इसमें यात्रियों की अनुमानित संख्या, निर्धारित रूट, स्टेशन, लागत, रख-रखाव, वित्तीय व पर्यावरण पर प्रभाव का अध्ययन किया है। 2011 में सरकार ने इसपर गंभीरता से विचार शुरू किया। वर्ष 2013 में डीपीआर के लिए राइट्स के साथ करार हुआ। राइट्स ने 2014 के अंत में डीपीआर तैयार कर विभाग को सौंप दिया। 2017 के 23 दिसंबर को सीएम ने इस परियोजना को मंजूरी दी थी।