रांची: पूर्व शिक्षा मंत्री सह विधायक बंधु तिर्की ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्रारम्भिक उर्दू स्कूलों में पूर्व की भांति शुक्रवार को ही साप्ताहिक छुट्टी रखने मांग की है. तिर्की ने अपने पत्र में कहा कि प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के ज्ञापंक 51 दिनांक 12 /01/ 2021 को जारी अवकाश तालिका में उर्दू प्रारम्भिक विधालयों में शुक्रवार को रहनी वाली साप्ताहिक छुट्टी को समाप्त कर रविवार के दिन कर दिया गया, जो बिलकुल अनुचित व संविधान में प्राप्त धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है.
ज्ञात हो कि ब्रिटिश सरकार के द्वारा पूरे देश में संचालित हिन्दी और उर्दू स्कूलों के लिए सप्ताह छुट्टी अलग-अलग निर्धारित की गई थी, जिसमें उर्दू स्कूल के लिए शुक्रवार और हिन्दी स्कूलों के लिए रविवार रखा गया था.
जो देश की आजादी के बाद से संयुक्त बिहार में और झारखंड अलग होने के बाद वर्तमान तक सरकारी उर्दू स्कूलों में शुक्रवार के दिन साप्ताहिक अवकाश दिया जाता है, ताकि उस रोज होने वाले विशेष जुमा की नमाज शिक्षक व छात्र दोनों अदा कर सके. वहीं रविवार के दिन उर्दू स्कूल संचालित रहती है.
बिहार पुर्नगठन अधिनियम 2000 के अनुसार, जो नियम बिहार राज्य में है उसी नियम के अनुसार झारखंड राज्य नियम का निर्धारण करेगी. लेकिन शिक्षा निदेशालय ऐसा ना कर अपनी मानसिकता अनुसार शुक्रवार के सप्ताह छुट्टी को समाप्त कर रविवार को छुट्टी का अधिसूचना जारी किया है.
जो संविधान के मूलभावना, मौलिक अधिकार के साथ धार्मिक स्वतंत्रता, धार्मिक मान्यताओं और परम्पराओं को पुरा करने की आजादी का उल्लंघन है. वहीं अन्य त्योहारों में भी छुट्टी देने में भी उपेक्षा की गई है, जो समानता के अधिकार का उल्लंघन है.
उर्दू स्कूलों में सुधार करना ही था तो शिक्षक संगठनों और समाजिक संगठनों से पहले वार्ता किया जाना चाहिए लेकिन ऐसा ना कर एकाएक यह निर्णय लेना बिलकुल भी न्यायसंगत नहीं है.
प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के इस निर्णय अल्पसंख्यक मुस्लिम समाज मे रोष व्याप्त है. मान्यवर इस आदेश को निरस्त करते हुए पूर्व की भांति ही विद्यालयों में छुट्टी की व्यवस्था यथावत रहने दिया जाये.