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पुण्यतिथी: अग्रेजों से लड़ते हुए आज ही के दिन शहीद हुई रानी लक्ष्मीबाई

by bnnbharat.com
June 18, 2019
in Uncategorized
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पुण्यतिथी: अग्रेजों से लड़ते हुए आज ही के दिन शहीद हुई रानी लक्ष्मीबाई

Death: Rani Lakshmibai, who was martyred today on fighting against the forerunners

”यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, तत्र देवता रमन्ते” इस कहावत ने कई महान महिला  विभूतियों को जन्म दिया है।

”यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, तत्र देवता रमन्ते” इस कहावत ने कई महान महिला  विभूतियों को जन्म दिया है। इनमें  से ही एक ” झांसी की रानी लक्ष्मीबाई” ने  सन् 1857 के स्वधीनता संग्राम संयाम में स्वतंत्रता की अलख जगाई थी।

सिर पर तलवार के वार से मारी गई थीं रानी लक्ष्मीबाई

अंग्रेज़ों की तरफ़ से कैप्टन रॉड्रिक ब्रिग्स पहला शख़्स था जिसने रानी लक्ष्मीबाई को अपनी आँखों से लड़ाई के मैदान में लड़ते हुए देखा.

उन्होंने घोड़े की रस्सी अपने दाँतों से दबाई हुई थी. वो दोनों हाथों से तलवार चला रही थीं और एक साथ दोनों तरफ़ वार कर रही थीं.

उनसे पहले एक और अंग्रेज़ जॉन लैंग को रानी लक्ष्मीबाई को नज़दीक से देखने का मौका मिला था, लेकिन लड़ाई के मैदान में नहीं, उनकी हवेली में.

जब दामोदर के गोद लिए जाने को अंग्रेज़ों ने अवैध घोषित कर दिया तो रानी लक्ष्मीबाई को झाँसी का अपना महल छोड़ना पड़ा था.

उन्होंने एक तीन मंज़िल की साधारण सी हवेली ‘रानी महल’ में शरण ली थी.

रानी ने वकील जॉन लैंग की सेवाएं लीं जिसने हाल ही में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ़ एक केस जीता था.

रानी पर जानलेवा हमला

एंटोनिया फ़्रेज़र अपनी पुस्तक, ‘द वॉरियर क्वीन’ में लिखती हैं, “तब तक एक अंग्रेज़ रानी के घोड़े की बगल में पहुंच चुका था. उसने रानी पर वार करने के लिए अपनी तलवार ऊपर उठाई. रानी ने भी उसका वार रोकने के लिए दाहिने हाथ में पकड़ी अपनी तलवार ऊपर की. उस अंग्रेज़ की तलवार उनके सिर पर इतनी तेज़ी से लगी कि उनका माथा फट गया और वो उसमें निकलने वाले ख़ून से लगभग अंधी हो गईं.”

तब भी रानी ने अपनी पूरी ताकत लगा कर उस अंग्रेज़ सैनिक पर जवाबी वार किया. लेकिन वो सिर्फ़ उसके कंधे को ही घायल कर पाई. रानी घोड़े से नीचे गिर गईं.

तभी उनके एक सैनिक ने अपने घोड़े से कूद कर उन्हें अपने हाथों में उठा लिया और पास के एक मंदिर में ले लाया. रानी तब तक जीवित थीं.

मंदिर के पुजारी ने उनके सूखे हुए होठों को एक बोतल में रखा गंगा जल लगा कर तर किया. रानी बहुत बुरी हालत में थीं. धीरे-धीरे वो अपने होश खो रही थीं.

उधर, मंदिर के अहाते के बाहर लगातार फ़ायरिंग चल रही थी. अंतिम सैनिक को मारने के बाद अंग्रेज़ सैनिक समझे कि उन्होंने अपना काम पूरा कर दिया है.

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