BNN DESK: दिसंबर 2020 में केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ईपीएफ पर ब्याज कर्मचारी भविष्य निधि के सदस्यों के खातों में भेजने की घोषणा की थी. सरकार ने 2019-20 के लिए ईपीएफ पर ब्याज 8.5% तय किया है. तो आइए जानते हैं कि कैसे ईपीएफ पर ब्याज तय होता है और इसकी गणना कैसे की जाती है…
ईपीएफ की ब्याज दर EPFO की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी द्वारा तय किया जाता है. CBT में नियोक्ता, कर्मचारी और सरकार के प्रतिनिधि शामिल हैं. सीबीटी द्वारा तय की गई ब्याज दर को मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा जाता है. वित्त मंत्रालय से अनुमोदन के बाद ब्याज को ईपीएफओ सदस्यों के खातों में जमा किया जाता है. अधिकांश वेतनभोगी कर्मचारी अपने बेसिक सैलरी का लगभग 12% प्लस महंगाई भत्ता हर महीने अपने भविष्य निधि खातों में योगदान करते हैं और इतना ही नियोक्ता भी करता है. नियोक्ता के इस योगदान का 8.33% हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) में जाता है और बाकी कर्मचारी भविष्य निधि खाते में जाता है.
EPS में योगदान 15,000 के 8.33% तक सीमित है , जो करीब 1,250 रुपये तक आता है. इससे अधिक कोई भी रकम ईपीएफ खाते में जाती है. साथ ही, जो कर्मचारी सितंबर 2014 के बाद ईपीएफओ में शामिल हुए, उनके लिए ईपीएस के लिए योगदान करना अनिवार्य नहीं है. ऐसे मामलों में नियोक्ता का पूरा योगदान ईपीएफ खाते में जाता है.
ब्याज की गणना-
अगर कोई व्यक्ति, जिसे मूल वेतन और भत्ता के रूप में लगभग 20,000 रुपये मिल रहे हैं, उसका EPF में योगदान 2,400 रुपये होगा. सितंबर 2014 के बाद EPFO का सदस्य बनने पर नियोक्ता का योगदान भी 2,400 रुपये होगा.
अगर हम यह मान लें कि आप सितंबर 2014 से पहले ईपीएफओ के सदस्य बन गए हैं, आपके नियोक्ता का ईपीएफ के लिए योगदान 2,400 – 15,000 का 8.33% यानी 1,250 रुपये = 1,150 रुपये के बराबर होगा. अत: आपके ईपीएफ खाते में आपका कंट्रीब्यूशन 2,400 और नियोक्ता का 1,150 रुपये होगा, जो हर महीने 3,550 आता है. अगर 8.5 फीसद वार्षिक ब्याज की दर से इस रकम पर गणना करें तो हर महीने 0.7083% का ब्याज बैठता है. यदि अप्रैल में योगदान शुरू हुआ तो महीने के लिए कुल ईपीएफ योगदान 3,550 रुपये होगा.
इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि आपको अप्रैल के लिए कोई ब्याज नहीं मिलेगा, क्योंकि महीने के अंत में वेतन क्रेडिट किया जाता है. इसलिए महीने के अंत में आपका ईपीएफ खाता शेष 3,550 रुपये होगा. मई के लिए आपका नियोक्ता और आप ईपीएफ खाते में 3,550 का योगदान करेंगे, जिससे शेष राशि बढ़कर 7,100 रुपये हो जाएगी. यानी मई के लिए ईपीएफ अंशदान पर ब्याज 7,100 * 0.7083% = 50 रुपये होगा.
शेष महीनों के लिए ब्याज की गणना के लिए इसी प्रक्रिया का पालन किया जाता है और अर्जित ब्याज को वित्तीय वर्ष के अंत में आपके ईपीएफओ खाते में जमा किया जाता है. यह तब होता है, जब वित्त मंत्रालय केंद्रीय न्यासी बोर्ड द्वारा प्रस्तावित ब्याज की दर को सूचित करता है.