नई दिल्लीः सूरज से करीब 14 करोड़ 70 लाख किलोमीटर की दूरी तय करके आज रहा सौर तूफान आज धरती से टकरा सकता है. वैज्ञानिकों के अनुसार ये तेजी से धरती की ओर बढ़ रहा है और उत्तरी ध्रुव में अद्भुत घटना का नजारा देखने को मिल सकता है.
इस दौरान पूरा आकाश हरे और नीली रोशनी से रंगा नजर आएगा. धरती की ओर से आ रहे इस सौर तूफान की गति 600 किमी प्रतिसेकेंड मापी गई है. इस तूफान को G-1 स्टॉर्म कहा जा रहा है.
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के मुताबिक ऐसे सौर तूफान धरती के लिए चिंता का कारण नहीं हैं. हालांकि, कई बार इसका असर टीवी ब्रॉडकास्ट प्रसारण, इंटरनेट या रेडियो कम्यूनिकेशन पर पड़ सकता है. सेटेलाइट संचालन में भी इससे समस्या आ सकती है.
सूरज के दक्षिणी गोलार्ध में विस्फोट से उठा सौर तूफान
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के अनुसार सूरज की कोर के अंदर मैग्नेटिक फिलामेंट बनने के कारण सूरज के दक्षिणी गोलार्ध में ये विस्फोट हुए हैं. ऐसा 2 जनवरी को हुआ था. इसी के कारण ये सौर तूफान खड़ा हुआ और अब इसका असर धरती पर दिखेगा.
वैज्ञानिकों के अनुसार तूफान के साथ आ रहे सोलर पार्टिकल जब धरती के वायुमंडल से टकराते हैं तो ऑरोरा (Aurora, उत्तरी या दक्षिणी लाइट्स) के खूबसूरत नजारे देखने को मिलते हैं.
इसके असर की बात करें तो सोलर विंड की वजह से धरती का बाहरी वायुमंडल गर्माने की आशंका रहती है, जिससे संचार माध्यमों पर धरती पर असर पड़ सकता है. पावर लाइन्स में भी करंट तेज हो सकता है जिससे ट्रांसफॉर्मर उड़ सकते हैं. हालांकि, आमतौर पर ऐसा कम ही होता है.