ब्यूरो चीफ, रांची
खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री सरयू राय ने पणन पदाधिकारियों एवं प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारियों की प्रोन्नति में हो रही देर को गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा है कि इन्हें प्रोन्नति दिये जाने की संचिका काफी दिनों से बढ़ी हुई थी. इस पर अब तक क्यों नहीं निर्णय लिया जा सका है. उन्होंने विभागीय सचिव से कहा है कि प्रोन्नति मामले में शिथिलता बरतने और विलंब पर अपनी रिपोर्ट दें और कारण स्पष्ट करें. उन्होंने कहा है कि विभागीय सचिव और अपर सचिव विलंब के कारणों की जांच करें. उन्होंने निर्देश दिया है कि विभाग के अपर सचिव सभी सेक्शन के कार्यों की समीक्षा करें ताकि दिये गये काम में तेजी आ सके. सभी सेक्शन के कार्यकलापों में गड़बड़ी न हो, इसे भी सुनिश्चित करने की जवाबदेही विभाग के आला अधिकारियों की है. उन्होंने कहा कि यदि कोई कर्मी अपने कार्य में जानबूझ कर लापरवाही बरतता है अथवा फाइल के निष्पादन में देरी करता है, तो उस पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाये.
उन्होंने कहा कि जिला, प्रखंड या नगरपालिका स्तर पर विभाग की योजनाओं तथा कार्यों को लागू करने के लिए पदाधिकारियों एवं कर्मियों को सहूलियत दिलाना विभागीय सचिवालय का दायित्व है. ऐसे अधिकारियों की प्रोन्नति में विलंब करना ठीक नहीं है. प्रोन्नति हर स्तर के कर्मियों का अधिकार है, और उन्हें यह अधिकार दिलाना सचिवालय की प्राथमिकता रहनी चाहिए.
उन्होंने कहा है कि मुझे ऐसा लगता है कि मार्केटिंग (पणन) पदाधिकारियों और प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारियों को प्रोन्नति देने में विभागीय स्तर पर विलंब हुआ है. विभागीय मंत्री ने कहा कि सचिवालय में सभी पदाधिकारियों और कर्मियों की चरित्र पुस्तिका (कैरेक्टर फाइल), सम्पत्ति विवरणिका, निगरानी स्वच्छता प्रमाणन आदि का नियमानुसार समुचित स्तर पर अद्यतन रिपोर्ट रखी जाये. ऐसा नहीं हो कि इन विवरणों का अभाव किसी को प्रोन्नति देने या दंड देने में बाधक बने.
उन्होने निर्देश दिया कि जितने मार्केटिंग अफसर हैं, औऱ उनका विवरण उपलब्ध है, उनको तुरंत प्रोन्नति दें, बाकी का जैसे-जैसे यह विवरण उपलब्ध होता जाए, वैसे-वैसे उनकी प्रोन्नति होती जाए. किसी का विवरण पूर्ण नहीं रहने के कारण बाक़ियों की प्रोन्नति नहीं रोकी जाए.