दिल्ली: एक फरवरी 2021 यानी बजट के दिन से 5 फरवरी तक मोदी सरकार से सस्ता सोना खरीदने का एक और मौका है. सरकार एक बार फिर आपको सॉवरेन गोल्ड बांड में निवेश का मौका दे रही है. हालांकि यह गोल्ड फिजिकल रूप में नहीं मिलेगा. भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए निर्गम मूल्य 4,912 प्रति ग्राम तय किया गया है.
10 ग्राम पर 500 रुपये की छूट
आरबीआई के अनुसार सरकार ने केंद्रीय बैंक के साथ विचार-विमर्श कर ऑनलाइन आवेदन करने और डिजिटल माध्यम से भुगतान करने पर निवेशकों को प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट देने का निर्णय किया है. ऐसे निवेशकों के लिए गोल्ड बॉन्ड का निर्गम मूल्य 4,8620 प्रति 10 ग्राम होगा. स्वर्ण बांड 2020-21 भारत सरकार की तरफ से जारी करता है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 11वीं सीरीज की 10 मुख्य बातें
- 1. मोदी सरकार ऐसे समय में गोल्ड बॉन्ड लेकर आई है, जब घरेलू कीमतें नई ऊंचाई पर पहुंचने के बाद करीब 7000 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ती है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2020-21 की 11वीं सीरीज में सब्सक्रिप्शन 5 फरवरी 2021 के बाद बंद हो जाएगी.
- 2. गोल्ड बॉन्ड की इस किस्त के लिए 4,912 रुपये प्रति ग्राम का भाव तय किया गया है. गोल्ड बॉन्ड के लिए इंडियन बुलियन एंड जूलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (आईबीजेए) द्वारा 999 शुद्धता के सोने के प्रकाशित सामान्य औसत बंद भाव पर आधारित है.
- 3. सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सॉवरेन गोल्ड बांड जारी किए जाते हैं. भौतिक सोने की मांग को कम करने और वित्तीय बचत में घरेलू बचत के एक हिस्से को स्थानांतरित करने के उद्देश्य से 2015 में सॉवरेन गोल्ड बांड योजना शुरू की गई थी.
- 4. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 500 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है. वहीं न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना जरूरी है.
- 5. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स 2020-21 (सीरीज़ XI) में आप 5 फरवरी तक निवेश कर सकते हैं. वहीं 9 फरवरी, 2021को बॉन्ड जारी कर दिया जाएगा.
- 6. बांड जारी होने के पखवाड़े के भीतर स्टॉक एक्सचेंजों पर तरलता के अधीन हो जाते हैं.
- 7. एसजीबी के हर आवेदन के साथ निवेशक PAN जरूरी है. स्वर्ण बॉन्ड बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एसएचसीआईएल), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों (एनएसई और बीएसई) के माध्यम से बेचा जाएगा.
- 8. इसकी सबसे खास बात होती है कि निवेशक को सोने के भाव बढ़ने का लाभ तो मिलता ही है. साथ ही उन्हें इन्वेस्टमेंट रकम पर 2.5 फीसदी का गारंटीड फिक्स्ड इंटरेस्ट भी मिलता है.
- 9. इन बॉन्ड्स की अवधि 8 साल की होती है और 5वें साल के बाद ही प्रीमैच्योर विड्रॉल किया जा सकता है.
- 10. इस पर तीन साल के बाद लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा (मैच्योरिटी तक रखने पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा) वहीं इसका लोन के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं.