रांची, हजारीबाग : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि बारिश के पानी का संचयन करना अब जरूरी हो गया है. उन्होंने कहा कि बोरा बांध से पहाड़, जंगल, झरना और चुएं के पानी को संरक्षित किया जाये. जिस तरह गरमी में पानी का स्तर गिर रहा है, उससे पानी संरक्षित करने से ही मुक्ति मिलेगी. उन्होंने कहा कि जल प्रबंधन, जल संचयन को जन आंदोलन का रूप देने की जरूरत है. सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि जब भी गांव जायें, तो जल संचयन के उपायों पर अधिक तवज्जों दें.
मुख्यमंत्री बुधवार को कोनार सिंचाई परियोजना को आम लोगों के लिए समर्पित किया. उन्होंने कहा कि कोनार सिंचाई परियोजना वर्षों से लंबित थी. अब हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो के 85 गांवों को इस परियोजना से पानी मिलेगा. इन तीनों जिलों के 62 हजार 895 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के लिए पानी मिल पायेगी. उन्होंने कहा कि हमारे किसान भाई अब तीन-तीन फसल उपजा सकेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य में पीने के पानी की समस्या अधिक है. इसलिए 2015 में ही तत्कालीन जल संसाधन मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के साथ बैठक कर छोटे और मझोले स्तर की सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का फैसला लिया गया था. 14 वर्ष पहले जहां हमारे 4 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई का पानी पहुंचता था, वह अब 12 लाख हेक्टेयर भूमि हो गया है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय दोगुना करने के लिए मुख्यमंत्री कृषि आर्शीवाद योजना चला रही है. इसके अलावा खेतों की उपज बढ़ाने के लिए पंचायतों में मिट्टी की डॉक्टरों को लगाया गया है. उन्होंने कहा कि सभी परिवारों के लिए मुफ्त आयुष्मान कार्ड बनाने की शुरुआत कर दी गयी है.
उन्होंने कहा कि जिन घरों में उज्जवला योजना के तहत पहली सिलिंडर दी गयी थी. उन्हें अब दूसरा सिलिंडर भी दिया जा रहा है. कायर्क्रम को जल संसाधन मंत्री रामचंद्र सहिस, सांसद अन्नपूर्णा देवी, विभागीय सचिव समेत अन्य ने भी अपने विचार रखे.