ब्यूरो चीफ,
रांची : भाजपा विधायक ढुल्लू महतो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं होने को झारखंड हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. याचिकाकर्ता कमला कुमारी द्वारा छेड़खानी मामले पर कतरास थाने द्वारा ऑनलाइन एफआइआर को नियमित प्राथमिकी के रूप में नहीं बदलने का आरोप लगाया था. यह एफआइआर नवंबर 2018 में कतरास थाने में दर्ज की गयी थी. नौ माह बीतने पर भी अब तक कार्रवाई नहीं हुई है. न्यायमूर्ति अमिताभ कुमार गुप्ता की अदालत में बुधवार को मामले की सुनवाई की गयी. सुनवाई के क्रम में अदालत पुलिस महानिदेशक और धनबाद के एसपी से यह जानना चाहा कि आखिर थाने की तरफ से कार्रवाई क्यों नहीं की गयी. अदालत ने 22 सितंबर तक डीजीपी और धनबाद के एसपी से रिपोर्ट मांगी है.
पीड़िता ने दो दिसंबर 2018 को रांची में की थी प्रेस कांफरेंस
पीड़ित महिला ने राजधानी रांची में 2 दिसंबर 2018 को प्रेस कांफरेंस कर विधायक पर 2015 से गलत हरकत करने और बार-बार हम बिस्तर होने की बातें कहने तथा धमकी देने की बातें कहीं थी. इस कांफरेंस में विधानसभा सदस्य के अलावा उनके खास सहयोगी अयोध्या ठाकुर की तरफ से शारीरिक शोषण करने के प्रयास की बातें भी कहीं गयी थी. साथ ही साथ यह भी कहा गया था कि ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज होने पर भी कार्रवाई नहीं की गयी. 22 नवंबर 2018 को पीड़िता ने कतरास थाना परिसर में आत्मदाह करने की कोशिश भी की थी.