धनबाद: ऐसे तो महिला थाना में आए दिन अलग-अलग मामले आते रहते हैं, पर गुरुवार को एक ऐसा मामला सामने आया, जिसमें एक महिला पति से छुटकारा के लिए महिला थाना में आवेदन देखकर गुहार लगाई. महिला ने पुलिस को यहां तक कहा कि उसे पति से कोई रुपया पैसे नहीं चाहिए.
वह अकेले रह कर अपने बच्चों की परवरिश कर लेगी. केवल उसे पति से मुक्ति. 36 वर्ष की उक्त महिला 18 वर्षों से घरेलू हिंसा के शिकार पति का प्रताड़ना झेल रही है. सब्र का बांध टूटने के बाद महिला ने पति का साथ छोड़कर खुद अपनी जिंदगी जीना चाहती है.
पीड़िता ने महिला थाना को लिखित शिकायत में बताया है कि एक महिला को अकेला जिंदगी जीना मुश्किल है, पर नामुमकिन नहीं, उसे अपने पति से धन दौलत नहीं चाहिए, ना ही वह पति पर कोई केस मुकदमा करना चाहती है.
उसे सिर्फ अपने पति से अलग रहना है और शांति से जिंदगी जीना है. उसके तीन बच्चे हैं एक बेटा जिसकी उम्र 17 वर्ष व दो बेटी 12, 14 साल की है, पीड़िता का यह भी कहना था कि वह अपने बच्चों को खुद अपने दम पर पढ़ाएगी और एक कामयाब इंसान बनाएगी. पीड़िता अपनी बहन के साथ थाना आई थी उनकी बहन का कहना है की वह हमेशा अपनी बहन के साथ रहेगी.
हालांकि, थाना में महिला के साथ आए आसपास के कुछ लोगों ने पीड़िता कलावती को समझाने की भरपुर कोशिश की. लोगों ने महिला से कहा एक माह का समय उसे पति को देना चाहिए और फिर फैसला लेना चाहिए, मगर महिला का कहना है कि वह नहीं रह सकती क्योंकि भविष्य उनका नहीं बल्कि उनके बच्चों का खराब होगा.
कुछ महिलाएं घरेलू हिंसा का शिकार होती है और कुछ महिलाएं अपने हित के लिए लड़ती है. महिला थाने में कुछ महिलाएं नारी शक्ति संस्था से भी आई थी जिन्होंने भागकर शादी करनेवाले जोड़े का कई के सुलझाने में पुलिस की मदद की थी. उनलोगों ने भी पीड़िता को समझाने की कोशिश की.