दुनिया के अन्य देशों में शायद न होता हो लेकिन भारत अधिकांश बीच पर प्लास्टिक बोतल, डिस्पोजल, पॉलीथिन और सिगरेट जगह-जगह पड़े दिखते हैं। हम खा-पीकर अपने घर चले जाते हैं और समुद्र की लहरें प्लास्टिक कचरे को अपने साथ लेकर चली जाती हैं।
रिपोर्ट्स की माने तो समुद्र प्लास्टिक कचरे से बेहाल हैं और समुद्री जीव-जंतुओं का इससे दम घुट रहा है। फिलहाल केन्द्र सरकार प्लास्टिक प्रदूषण पर गंभीर है और इसीलिए आगामी दो अक्टूबर से छह प्लास्टिक आइटमों पर देशव्यापी प्रतिबंध लगाने जा रही है।
केन्द्र सरकार जिन प्लास्टिक आइटम पर प्रतिबंध लगाने जा रही है, उनमें प्लास्टिक बैग, स्ट्रा, प्लेट, कप, छोटी बोतलें और खास तरह की थैलियां शामिल हैं। इतना ही सरकार इन प्रतिबंधित चीजों के निर्माण और इस्तेमाल के साथ उनके आयात पर भी प्रतिबंध लगायेगी।
केंद्र सरकार एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक उत्पादों को बंद करने के प्रयास कर रही है। पीएम मोदी स्वयं इसका नेतृत्व कर रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी मोदी ने अपने भाषण में लोगों और सरकारी एजेंसियों से अपील की थी कि वे देश को एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक से मुक्त करने की दिशा में आगामी दो अक्टूबर को बड़ा कदम उठाएं। 2022 तक सरकार का लक्ष्य है कि इस तरह के प्लास्टिक को खत्म कर दिया जाए।
भारत में सालाना एक करोड़ 40 लाख टन प्लास्टिक की खपत होती है। यह इन छह आइटमों पर लगने वाले प्रतिबंध से पांच से दस प्रतिशत तक कम हो जाएगी। प्रतिबंध के शुरुआती छह महीनों के बाद प्रतिबंधित आइटम इस्तेमाल करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा। सरकार पर्यावरण के मद्देनजर प्लास्टिक के इस्तेमाल पर अन्य प्रकार के नियम लागू करने की योजना भी बना रही है। साथ ही, वह प्लास्टिक की रीसाइकलिंग पर भी ध्यान देगी।